उत्तराखण्ड गवाह है कि राज्य में जिस भी पूर्व मुख्यमंत्री के हाथों में सत्ता आई उनके कार्यकाल में भ्रष्टाचार और घोटालों का इतना शोर मचता रहा कि आवाम को यह सोचकर गम में डूबना पड़ता था कि काश उनका राज्य केन्द्र शासित क्यों नहीं हुआ, क्योंकि अगर केन्द्र शासित राज्य होता तो उत्तराखण्ड विकास की राह पर हमेशा आगे बढ़ता और राज्य के अन्दर कभी भ्रष्टाचार और घोटालों का शोर सुनने को न मिलता।
उत्तराखण्ड में कभी मंत्री तक न बनने वाले युवा राजनेता पुष्कर सिंह धामी पर जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विश्वास कर उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी पर आसीन किया तो मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री की राजनीतिक पाठशाला में अपने आपको अव्वल लाने की दिशा में जो दिलेरी के साथ सत्ता चलाने का हुनर दिखाया उसी का परिणाम रहा कि मुख्यमंत्री की दूसरी पारी स्वच्छता और पारदर्शिता के साथ आगे बढ़ी और सत्ता चलाने के 730 दिन में विपक्ष मुख्यमंत्री पर एक भी दाग नहीं लगा पाया।
दो साल में मुख्यमंत्री ने विकास की जो नई उड़ान भरी उससे उत्तराखण्ड एक नई दिशा में आगे बढ़ता चला गया और आज राज्य की जनता व आवाम के बीच जो रिश्ता बना है उसे देखकर साफ झलक रहा है कि आवाम मुख्यमंत्री पर अभेद विश्वास कर रहा है और तो और कई कार्यक्रमों में लोग मुख्यमंत्री का हाथ अपने सिर पर रखवाने के लिए जिस जज्बे के साथ आगे आते हुए दिखाई दे रहे हैं उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि युवा मुख्यमंत्री ने आवाम के दिलों में किस तरह से अपनी जगह बना ली है।
उत्तराखण्ड के युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी में उत्तराखण्ड को आदर्श राज्य बनाने का जो जुनून देखने को मिल रहा है वह किसी से छिपा नहीं है।
मुख्यमंत्री ने सत्ता को पारदर्शिता से चलाने के लिए अपनी किचन टीम को सभी जिलों पर पैनी निगाह रखने के लिए आगे किया हुआ है जिसका परिणाम यह है कि अब किसी भी विभाग में भ्रष्टाचार का शोर आवाम को सुनने को नहीं मिल रहा है।
मुख्यमंत्री की किचन टीम में एक से एक धुरंदर अफसर तैनात हैं जो सरकार को भी हमेशा सही दिशा में ले जाने के लिए आगे खडे हुये दिखाई देते हैं।
मुख्यमंत्री भ्रष्टाचारियों और घोटालेबाजों पर बडा चाबुक चलाकर उनमें खलबली मचाये हुये हैं और उसी के चलते राज्य के अन्दर दलाल प्रथा पर भी अंकुश लग चुका है जिससे आवाम अब सरकारी विभागों में सीधे जाकर अपना काम आसानी से कराने में सफल हो रहे हैं।
मोदी टीम के सभी राजनेता यह जानते हैं कि पुष्कर सिंह धामी आम आदमी के लिए जहां फ्लावर रूप में दिखाई देते हैं तो वहीं अपराधी और माफियाओं में वह फायर बनकर उनको अपनी स्वच्छ राजनीति का आईना दिखा रहे हैं। आज उत्तराखण्ड के अन्दर मुख्यमंत्री धामी का राजनीतिक वजूद इतना बुलंदियों पर पहुंच गया है कि आवाम उन्हें अपने बीच पाकर ऐसे झूम रहा है मानो उनके सामने उत्तराखण्ड का भाग्य विधाता आ खड़ा हुआ हो।
मुख्यमंत्री ने गढवाल व कुमांऊ में कभी भेदभाव नहीं किया और वह दोनो मंडलों में विकास की जो नई बयार बहाते हुए नजर आ रहे हैं उसके चलते हर तरफ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को धाकड़ धामी का नया नाम दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने सत्ता चलाने के लिए हमेशा सबको साथ लेकर चलने में ही विश्वास दिखाया और उन्होंने मासूम बच्चों से लेकर युवा पीढ़ी, मातृशक्ति, बडे-बूढ़ों के मन में एक बडी आस्था दिखाते हुए उन्हें अपना सौम्य रूप दिखाते हुए उनके दिलों को जीतने का जो हुनर दिखाया है उसी का परिणाम है कि आज राज्य के चप्पे-चप्पे पर धाकड़ धामी-धाकड़ धामी की गूंज सुनने को मिल रही है।
मुख्यमंत्रीधामी जहां भी सड़कों पर निकलते हैं वहां आवाम का हुजूम उमड़ आता है और मुख्यमंत्री भी आवाम का हाथ जोड़कर जिस तरह से उनका अभिनंदन करते हुए दिखाई दे रहे हैं उससे साफ नजर आ रहा है कि वह अहंकार की राजनीति को कोसो दूर रखे हुये हैं।
आज राज्य के मुख्यमंत्री धामी को आवाम जिस तरह से उनकी स्वच्छ और पारदर्शी सत्ता चलाने की कार्यशैली से गदगद नजर आ रही है उसी के चलते मुख्यमंत्री भी आवाम को खुला संदेश देकर उन्हें वचन दे रहे हैं कि उनके शासनकाल में सरकार हमेशा पारदर्शिता के साथ ही चलेगी और नरेन्द्र मोदी के विजन को धरातल पर उतारना उनका पहला कर्तव्य है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को अभेद विश्वास है कि उत्तराखण्ड में डबल इंजन की सरकार का नया रूप देखकर राज्य की जनता एक बार फिर नरेन्द्र मोदी को देश का प्रधानमंत्री बनाने के लिए उत्तराखण्ड की पांचो लोकसभा सीटों को बडे अंतर से जीत दिलायेंगी।