स्टोरी(कमल जगाती, नैनीताल):-
उत्तराखंड में नैनीताल के बी.डी.पांडे अस्पताल मे पंद्रह साल पुराने चिकित्सा उपकरणों का इस्तेमाल करते हुए डॉक्टरों ने लैप्रोस्कोपी विधि से गॉल ब्लैडर का सफल ओपरेशन किया है। उत्तराखंड के जिला अस्पतालों में इस विधि से ओपरेशन करने वाला बी.डी.पांडे पहला जिला अस्पताल बन गया है । डॉक्टरों की टीम इस उपलब्धि से खुश हैं ।
नैनीताल के बी डी पांडे अस्पतक़ल के पी.एम.एस. डॉक्टर के.एस.धामी ने बताया गया की बी.डी.पांडे अस्पताल ने आज एक बहुत बड़ी उपलब्धि हासिल की है ।जिला अस्पताल में पहली बार लेप्रोस्कोपी से जंगलिया गाँव निवासी 32 वर्षीय एक महिला की पित्त की थैली से पथरी निकाली गयी है। उनका कहना है की यह ओपरेशन सुशीला तिवारी जैसे अस्पतालो मे ही संभव है। पी.एम.एस.ने इस का श्रेय डॉक्टर देवेंद्र सिंह को दिया है, जिनके नेतृत्व और पहल से आज पहला सफल ओपरेशन हो सका । यह उनकी ही पहल और साहस का नतीजा है जो यह ओपरेशन संभव हुआ है । डॉक्टर धामी द्वारा आश्वस्त किया गया है की यह कार्य ऐसे ही सुचारु रखा जाएगा और आने वाले समय मे हर कोई इसका लाभ उठा पाएगा । इससे ना सिर्फ ऑपरेशन जल्दी हो जाएगा बल्कि दूर दराज़ से आए मरीजों को अस्पताल से जल्दी छुट्टी भी दे दी जाएगी। इससे मरीजों के समय और पैसे दोनों की ही बचत होगी। डॉक्टर का कहना है की इस विधि से अविवाहित लड़कियों को भी काफी लाभ होगा । जिन मरीजों के पास आयुष्मान कार्ड और हेल्थ कार्ड है, उनका निशुल्क उपचार किया जाएगा ।डॉक्टर ने बताया की आज तक बी.डी.पांडे अस्पताल इस विधि से ओपरेशन करने से वंचित इसलिए रहा क्योंकी वह संसाधन जुटाने मे असफल थे। उनका कहना है की कोई भी डॉक्टर या इंचार्ज यह साहस नही जुटा सका था । अब डॉ.सिंह ने राह दिखा दी है, जिसके बाद काम आसान हो जाएगा।