स्टोरी(कमल जगाती, नैनीताल):-
चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ाए जाने को लेकर आज सरकार के चीफ स्टैंडिंग काउंसिल(सी.एस.सी.)ने उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश आर.सी.खुल्बे और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खण्डपीठ में तत्कालक सुनवाई के लिए मेंशन किया।
न्यायालय ने उनके इस तर्क को सुनने के बाद कहा कि वो मुख्य न्यायाधीश की रेगुलर बेंच में सोमवार को मेंशन करें, क्योंकि रेगुलर बेंच ही इस मामले की सुनवाई कर रही है और उन्हीं ने पूर्व में श्रद्धालुओं की संख्या को लेकर निर्णय दिया गया है।
सरकार ने न्यायालय में शपथपत्र पेश कर कहा कि चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए पूर्व में दिए गए निर्णय में संशोधन कर चारधाम यात्रा के लिए श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ाई जाए।
सरकार की तरफ से यह भी कहा गया कि सरकार न्यायालय के दिशा निर्देशों का पालन कर रही है। चारधाम में सरकार ने सभी सुविधाएं उपलब्ध करा दी हैं।
श्रद्धालुओ की संख्या कम करने से स्थानीय लोगों की रोजी रोटी पर भी विपरीत असर पड़ रहा है। पूर्व में न्यायालय ने सरकार को चारधाम यात्रा शुरू करने से पहले निम्न दिशा निर्देश दिए थे।
(1):- चारधाम यात्रा को लेकर न्यायालय ने पूर्व में दिए आदेश में प्रत्येक दिन केदारनाथ धाम में 800 , बद्रीनाथ धाम में 1000, गंगोत्रि में 600, यमनोत्री धाम में कुल 400 श्रद्धालुओ को जाने की अनुमति दी है ।
(2):- श्रद्धालु को आरटीपीसीआर और जिनको वेक्सीन के दोनों डोज लग चुके है उन्हें वेक्सीनेशन सर्फिफिकेट लाने को कहा था ।
(3):- चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जिलों में होने वाली चारधाम यात्रा के दौरान आवयश्यक्तानुसार पुलिस फोर्स लगाने को कहा था।
(4):- श्रद्धालुओ को कुंड में स्नान करने पर प्रतिबंध लगाया था।
(5):- खण्डपीठ ने सरकार को निर्देश दिए थे कि चारोंधामो में मेडिकल की पूर्ण सुविधा हो। जैसे मेडिकल स्टाफ, नर्से, डॉक्टर , ऑक्सीजन बेड और वेंटीलेटर की सुविधा हो।
(6):- यात्रा के दौरान सरकार मेडिकल हेल्प लाइन जारी करें जिससे कि अवस्थ्य लोगो को स्वाथ्य सम्बन्धित सुविधाओ के आसानी से पता चल सके।
(7):- श्रद्धालुओ की आरटीपीसीआर टेस्ट रिपोर्ट व वेक्सीनेशन का सर्टिफिकेट के जांच हेतु चारो धामो में चेक पोस्ट बनाने को कहा था। जैसे बद्रीनाथ में पाँच केदारनाथ में तीन।
(8) :- भविष्य में अगर कोविड के केसों में बढ़ोतरी होती है तो सरकार यात्रा को स्थगित कर सकती है।
(9):- कोर्ट ने एंटी स्पीटिंग एक्ट को चारों धामो में प्रभावी रूप से लागू करने को कहा था।
(10):-तीनो जिलों के विधिक सेवा प्राधिकरण को निर्देश दिए थे कि वे यात्रा का मॉनिटरिंग करे और उसकी रिपोर्ट हर सप्ताह कोर्ट में दें।
(11):- जिला अधिकारियों को यह निर्देश दिए थे कि वे यात्रा को सफल बनाने हेतु स्थानीय लोगो व एनजीओ की सहायता ले सकते है लेकिन एनजीओ सही व जिम्मेदार होनी चाहिए।
(12):- चारधाम यात्रा में जगह जगह पर सुलभ शौचालय बनाये जायँ जिससे कि श्रद्धालुओ को असुविधा न हो।