स्टोरी(कमल जगाती, नैनीताल):-
उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने नगर पालिका श्रीनगर को भंग करने के राज्य सरकार के तीन जनवरी 2022 के आदेश पर रोक लगाते हुए सरकार से चार सप्ताह के भीतर जबाव दाखिल करने के निर्देश दिए हैं । मामले की सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा की एकलपीठ में हुई ।
मामले के अनुसार नगर पालिका श्रीनगर के अध्यक्ष पूनम तिवारी ने उच्च न्यायालय में दो अलग अलग याचिकाओं के माध्यम से सरकार की दो अधिसूचनाओं को चुनौती दी । पहली याचिका में उन्होंने सरकार के 31 दिसम्बर को जारी आदेश को निरस्त करने की मांग की ।
इस आदेश में सरकार ने श्रीनगर नगर पालिका को नगर निगम का दर्जा दे दिया था । जबकि याचिकाकर्ता ने कहा कि नगर निगम बनाने के लिये निकाय की आबादी 90 हजार से अधिक होनी चाहिये, जो अभी नही है । जबकि श्रीनगर की आबादी 37 हजार के करीब है । यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है ।
जबकि दूसरे आदेश में सरकार ने 3 जनवरी को श्रीनगर नगर पालिका को भंग कर दिया था । इस याचिका में उन्होंने सरकार के भंग करने के आदेश को चुनोती दी, जिसपर आज न्यायालय ने रोक लगा दी है ।