स्टोरी(कमल जगाती, नैनीताल):-
उत्तराखंड के सबसे प्रतिष्टित मेलों में से एक नन्दा देवी महोत्सव से पहले आज जिलाधिकारी ने मेला परिसर का दौरा करा और मेले में अपनाए जाने वाले नियमों को साफ किया । मेले में भक्त माँ नन्दा सुनंदा के दर्शन तो कर सकेंगे लेकिन प्रशाद का आदान प्रदान नहीं कर सकेंगे । नैनीताल के सौन्दर्यकरण की जिम्मेदारी जिला प्रशासन के कंधों पर रहेगी ।
नैनीताल के मल्लीताल में नयना देवी मंदिर परिसर में हर वर्ष माँ नन्दा देवी महोत्सव का धूमधाम से आयोजन किया जाता है । बीते वर्ष इस मेले को कोरोना महामारी के चलते साधारण तरीके से करते हुए केंद्र और राज्य सरकार की एस.ओ.पी.का ध्यान रखा गया था । इस वर्ष आयोजक संस्था राम सेवक सभा और जिला प्रशासन ने मौके का दौरा किया । गुरुवार शाम जिलाधिकारी धिराज गर्भयाल, जॉइंट मैजिस्ट्रेट प्रतीक जैन, ई.ओ.अशोक कुमार समेत कुछ अन्य जिम्मेदार अधिकारी मेला स्थल पर पहुंचे जहां राम सेवक सभा के पदाधिकारी के साथ उनकी मुलाकात हुई ।
सभी ने मेले को सुरक्षित बनाते हुए भक्तों को माँ के दर्शन कराने पर विचार किया । इस वर्ष भी पिछले वर्षों की तरह ही सामान्य तरह से इस मेले को मनाए जाने का फैसला हुआ है । जिलाधिकारी ने बताया कि बीते वर्ष की तरह ही दर्शनों के लिए 40 से 50 लोग एक बार में मंदिर में प्रवेश करेंगे । प्रशासन और पुलिस के साथ वॉलेंटियरों की मौजूदगी में किसी को भी मंदिर में रुकने की अनुमति नहीं होगी । तल्लीताल से मल्लीताल तक स्क्रीन के माध्यम से लोगों को माँ के दर्शन कराए जाएंगे ।
लोकल एंटरटेनमेंट टी.वी.के माध्यम से लाइव टेलीकास्ट किया जाएगा । उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन माल रोड समेत अन्य जगहों का सौन्दर्यकरण करेगा और तल्लीताल और मल्लीताल में स्वागत द्वार लगाएगा । मंदिर क्षेत्र में हर वर्ष लगने वाली दुकानों के बारे में जिलाधिकारी ने बताया कि दुकान नहीं लगेगी क्योंकि इससे कोविड फैलने की संभावना बहुत बढ़ जाती है ।