9 नवंबर, भिकियासैंण तहसील मुख्यालय पर उत्तराखंड पैंशनर्स संगठन रामगंगा, भिकियासैंण का धरना आज 77 वें दिन में प्रवेश कर गया है। परन्तु सरकार की ओर से अभी कोई पहल नहीं हुई है ।
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आज स्याल्दे विकासखंड के पैंशनर्स ने धरना दिया। धरना स्थल पर आन्दोलनकारियों ने जमकर सरकार विरोधी नारे लगाए और जन गीतों से वातावरण को गुंजायमान कर दिया।
बैठक को सम्बोधित करते हुए संगठन के अध्यक्ष तुला सिंह तड़ियाल ने कहा कि, आज उत्तराखंड राज्य को बने 21 बर्ष हो गये हैं आज प्रदेश भर में इसकी इक्कीसवीं वर्षगांठ मनाई जा रही है परन्तु दूसरी ओर अभी तक राजधानी का मशला हल नहीं हुआ है डवल इंजन की सरकार बनाकर भी उत्तराखंड की परिसम्पतियों पर अभी तक उत्तर प्रदेश कुंडली मारकर बैठा है । विकास के नाम पर खुली लूट मची हुई है ।
बेरोजगारी की दर यहां देशभर में सबसे अधिक है। पलायन की हालत यह है कि अभी तक तीन हजार से भी अधिक गांव जन शून्य हो चुके है । भ्रष्टाचार यहां चरम सीमा पर है । प्रदेश भर में जगह जगह बेरोजगार अपनी मांगों के लिए संघर्षरत हैं। सीनियर सिटीजन का आन्दोलन गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने जा रहा है । वे पिछले ढाई महीने से पैंशन से असंवैधानिक कटौती बन्द करने को लेकर सड़कों पर हैं । आज गवर्नमेंट पैंशनर्स संगठन रामगंगा भिकियासैंण द्वारा राज्य स्थापना दिवस को धिक्कार दिवस के रूप में मनाया गया। वक्ताओं ने कहा कि बड़ी कुर्वानी के बाद यह राज्य बना है प्रदेश के कर्मचारियों ने अपनी नौकरी को दांव में लगाकर इससे हासिल किया है। आज इसकी बदहाली पर रोना आ रहा बैठक को पूर्व प्रधानाचार्य डॉ विश्वम्बर दत्त सती, ब्रह्मानंद सती, देबी दत्त लखचौरा, देब सिंह बंगारी, आनंद प्रकाश लखचौरा, मोहन सिंह नेगी, प्रेमबल्लभ जोशी, उर्वादत्त सत्यबली, राम सिंह बिष्ट, किसन सिंह मेहता, पान सिंह नेगी, प्रवीण सिंह कड़ाकोटी, मदन सिंह नेगी, आदि लोगों ने सम्बोधित किया। राज्य आन्दोलकारी मदन कठारत, प्रयाग शर्मा, देवगिरी गोस्वामी ने भी धरना स्थल पर आकर आन्दोलन को अपना समर्थन दिया।