उत्तराखंड के प्रदीप मेहरबान का एक वीडियो चल कल सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है ।जिसे देखकर देश-दुनिया से प्रदीप को शुभकामनाएं देने का तांता लगा हुआ है।
सोशल मीडिया पर प्रसिद्ध क्रिकेटर हरभजन सिंह, केंद्रीय राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर, वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत, लगे रहो मुन्नाभाई व थ्री इडियट्स के लिए नेशनल अवार्ड विजेता सिंगर-राइटर स्वानंद किरकिरे, कृष्ण की भूमिका निभा चुके अभिनेता स्वपनिल जोशी, इंडयिन यूथ कांग्रेस के नेशनल प्रेसिडेंट श्रीनिवास, प्रसिद्ध आरजे, आइएएस, देश के वरिष्ठ पत्रकार और न जाने कितनी हस्तियों ने प्रदीप को शुभकामनाएं दी हैं ।
देश की रक्षा के लिए उत्तराखंड के सपूतों का योगदान अविस्मरणीय है। ऐसा ही कुछ वीडियो में लड़का भी चाचा नजर आ रहा है।
देखें पूरा वीडियो:
दरअसल,नोएडा एनसीआर में दिनभर नौकरी करने बाद उत्तराखंड का प्रदीप मेहराबइन देर रात सड़कों पर आर्मी में भर्ती होने के लिए दौड़ लगा रहा है।
उत्तराखंड मूल के फिल्मकार विनोद कापड़ी ने रात को प्रदीप को सड़क पर दौड़ते देख कार से घर छोड़ने का ऑफर दिया, लेकिन बार-बार अनुरोध के बावजूद लड़का मना करता रहा।
कापड़ी ने जैसे यह वीडियो अपने ट्विटर एकाउंट पर पोस्ट किया। बस फिर क्या था सोशल मीडिया पर युवके के हौसले को सराहने वालों की बाढ़ आ गई।
गांव से दूर शहर में तमाम मुश्किलों के बीच भी लड़का चेहरे पर हंसी लिए सड़क पर दौड़े जा रहा है। पसीने से लथपथ कहीं चेहरे पर सिकन नहीं है।फिल्मकार विनोद कापड़ी ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि रात 12 बजे उन्हें यह लड़का कंधे में बैग टांगे बहुत तेज दौड़ता नजर आया।
उन्होंने लिखा, उसके दौड़ने की वजह सुनेंगे तो आपको इस लड़के से प्यार हो जाएगा। वीडियो में कापड़ी लड़के को लिफ्ट देना चाहते हैं, लेकिन लड़का मना कर देता है और कहता है कि दौड़ते हुए ही जाएगा। फिर पूछने पर बताता है कि सेक्टर 16 में McDonalds में काम करता है।
कार सवार कापड़ी फिर लिफ्ट देने का ऑफर करते हैं, लेकिन लड़का कहता है कि उसे दौड़ने का टाइम ही अभी मिलता है, वह ऐसे ही जाएगा। कारण पूछने पर लड़का कहता है, आर्मी के लिए दौड़ रहा हूं।
लड़के के मुंह से यह वह शब्द हैं, जो हर किसी को झकझोर रहे हैं। नाम पूछने पर दौड़ते-दौड़ते लड़का नाम प्रदीप मेहरा बताता है। बताता है कि वह अल्मोड़ा उत्तराखंड का रहने वाला है। कापड़ी कहते हैं, सुबह दौड़ लेना, अभी कार से छोड़ देता हूं। लड़का कहता है, उसे सुबह ड्यूटी पर जल्दी जाना होता है और खाना भी बनाना होता है। फिर कापड़ी कुमाउनी में पूछते हैं, ईजा-बौजू का छन (माता-पिता कहां हैं)? जवाब में लड़का कहता है, मां का इलाज चल रहा है। वास्तव में यह बातें भावुक कर जाती हैं। लेकिन प्रदीप का यह जज्बा काबिले तारीफ है।