जगदम्बा कोठारी
ऋषिकेश। एम्स स्थित साईं मेडिकल स्टोर पर हरिद्वार निवासी अरुण चौहान ने गंभीर आरोप लगाए हैं। अरुण चौहान का आरोप है कि उनकी 4 साल की बेटी किडनी की समस्या से जूझ रही है। जिसका इलाज पिछले 7 महीनों से एम्स में चल रहा था। उनकी बेटी एम्स में भर्ती थी और डॉक्टरों ने उन्हें कुछ दवाइयां लाने के लिए कहा। जिसके बाद उन्हें कुछ दवाइयां एम्स के ही अंदर स्थित मेडिकल स्टोर में मिल गई। लेकिन कुछ दवाइयां उन्हें अंदर नहीं मिली जिसको लेने वह एम्स के गेट नंबर 3 के सामने ‘साईं मेडिकल स्टोर’ पर गए। लेकिन मेडिकल स्टोर मालिक ने उन्हें पर्ची में लिखी सारी दवाइयां खरीदने को कहा जबकि आधे से अधिक दवाई उन्हें एम्स के अंदर ही मिल गई थी। लेकिन फिर भी मेडिकल स्टोर संचालक ने उनसे पर्चे में लिखी सभी दवाइयां खरीदने को जबरदस्ती कहा वरना बाकी दवाई देने से मना कर दिया। इसके बाद वह दूसरे मेडिकल स्टोर पर दवाइयां लेने पहुंचे लेकिन साईं मेडिकल स्टोर संचालक ने वहां भी आकर उनको दवाई देने से मना करवा दिया। जिसके बाद दोनों पक्षों में विवाद बढ़ गया। मेडिकल संचालक के खिलाफ आज स्थानीय लोगों ने भी शांतिपूर्ण धरना दिया। सामाजिक कार्यकर्ता मनीषा वर्मा का कहना है कि मेडिकल संचालक का लाइसेंस रद्द कर तत्काल उस पर संबंधित धाराओं में मुकदमा होना चाहिए। 4 साल की बच्ची को दवाइयां नहीं देने का यह बहुत बड़ा अपराध है जिसका शहर वासी पुरजोर विरोध करते हैं।
पशु लोक की सरकारी जमीन पर बना है साईं मेडिकल स्टोर
शहर में चर्चा का विषय बना यह मेडिकल स्टोर पशु लोक की सरकारी जमीन पर बना है जिसको लेकर परियोजना निदेशक, भेड़ एवं ऊन प्रसार संस्थान ‘पशुलोक’ ने अक्टूबर 2019 में साईं मेडिकल स्टोर को नोटिस भी भेजा था। जिसमें लिखा था कि स्थलीय निरीक्षण के बाद आपका साईं मेडिकल स्टोर पशुलोक की भूमि की सीमा में पाया गया है’ इसी नोटिस में पशुलोक ने उन्हें 72 घंटे का समय देकर मेडिकल स्टोर खाली करने को कहा था। लेकिन 2 वर्ष बीत जाने के बाद भी अभी भी संबंधित मेडिकल स्टोर पर पशुलोक द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई। बच्ची के पिता अरुण चौहान का कहना है कि मेडिकल संचालक पर सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए वरना इसके लिए उन्हें हाईकोर्ट की शरण लेनी पड़ेगी।