स्टोरी(कमल जगाती, नैनीताल):-
उत्तराखण्ड में नैनीताल जिला उपभोगता विवाद प्रतितोष आयोग ने नैनीताल निवासी याचिकाकर्ता अधिवक्ता नितिन कार्की की याचिका को सुनने के बाद हल्द्वानी के विशाल मैगामार्ट पर सामान के साथ थैला न देकर रुपये वसूलने पर पचास हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है ।
अधिवक्तक नितिन कार्की ने 22 अक्टूबर 2019 को जिला उपभोगता विवाद प्रतितोष आयोग में एक वाद दायर कर कहा कि उन्होंने 17 सितंबर 2019 को हल्द्वानी के विशाल मैगामार्ट से कुछ निजी सामान खरीदा था । उन्होंने बताया कि इन दो सामान के बिल के साथ कैरी बैग की कीमत भी जोड़ी गई थी जो उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 की धारा-2 (41) व 2 (41) (ii) में वर्णित व्यापारिक व्यवहार” विपक्षी विशाल मैगामार्ट की तरफ से किया गया माना जा सकता है।
नितिन ने न्यायालय से कहा कि ये अधिनियम की धारा-2 (47)(f) में वर्णित अनुचित व्यवहार की श्रेणी में भी आता है, इस मामले में याची की मांग, स्पष्ट व्यक्त आवश्यकता के विपरीत उसे कैरी बैग खरीदने के लिए साफ तौर पर मजबूर किया गया दिखता है ।
उपभोगता विवाद प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष रमेश कुमार जैसवाल, सदस्य विजय लक्ष्मी थापा और सदस्य लक्ष्मण सिंह रावत ने आज दिए अपने आदेश में कहा है कि उनका नजरों में विशाल मैगामार्ट ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम-2019 2(41) व 2(41)(ii) में लिखा गया “अवरोधक व्यापारिक व्यवहार एवं धारा -2 (47)(f) “अनुचित व्यापारिक व्यवहार” का अनुसरण किया गया है, जिसके लिए विशाल मैगामार्ट के मुख्य प्रवर्तन अधिकारी और प्रबंधक पर संयुक्त रूप से 50,000/- रुपये का अर्थदण्ड अधिरोपित किया जाना न्यायोचित होगा । न्यायालय की तरफ से कहा गया कि दोनों इस आदेश के डेढ़ माह की अवधि के भीतर आयोग के कार्यालय कोष में उक्त धनराशि जमा कराएं ।