अनुज नेगी
देहरादून।
उत्तराखंड लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित की जा रही सहायक अभियोजन अधिकारी (एपीओ) की परीक्षा में बड़े फर्जीवाड़े का अंदेशा जताया जा रहा है। कुछ अभ्यर्थियों को वाट्सएप पर संदेश मिले हैं, जिसमें संदेश भेजने वाले ने बताया है कि उसके पास परीक्षा के पेपर हैं। इसमें पेपर प्राप्त करने के लिए एक लिंक भी दिया गया है।
संदेश कितने अभ्यर्थियों को भेजे गए, इसका पता नहीं चल पाया है, मगर कुछ अभ्यर्थियों ने इस संबंध में आयोग में शिकायत की है। वहीं, आयोग मामले की जांच की बात कह रहा है। शिकायत मिलने पर एसटीएफ ने भी जांच शुरू कर दी है।
उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने सहायक अभियोजन अधिकारी के 63 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञप्ति जारी की है। इसकी प्रारंभिक परीक्षा आगामी 21 नवंबर को होनी है। लेकिन, परीक्षा की शुचिता को लेकर सवाल उठने लगे हैं।
वजह यह कि कुछ अभ्यर्थियों को पिछले कई दिन से वाट्सएप पर अलग-अलग नंबर से संदेश मिल रहे हैं। इसमें पेपर लीक करने का दावा किया गया है।
कहा गया है कि परीक्षा से तीन दिन पहले पेपर उपलब्ध करा दिया जाएगा। इसके लिए 25 से 30 हजार रुपये की मांग की जा रही है। वहीं, पेपर लेने के लिए लिंक भी दिया गया है, जिस पर पंजीकरण कराना है। लिंक दिए जाने के कारण मामले के साइबर फ्राड से जुड़ा होने की आशंका भी है।
मगर, सवाल यह भी है कि परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों का डाटा आखिर आयोग से लीक कैसे हुआ।एसटीएफ अजय सिंह के मुताबिक एपीओ भर्ती की परीक्षा का पेपर पहले उपलब्ध करवाने की सूचना मिली है। कुछ व्यक्तियों ने इस तरह के संदेश आने की शिकायत की है। एसटीएफ मामले की जांच कर रही है। अभ्यर्थियों से भी अपील है कि वह किसी तरह के झांसे में न आएं।
उत्तराखंड लोक सेवा आयोग उत्तराखंड के सचिव कर्मेंद्र सिंह के मुताबिक कुछ आवेदकों ने इस तरह की शिकायत की है। उनसे ई-मेल के जरिये वाट्सएप पर आए संदेश की जानकारी आयोग ने ली है।
आवेदकों को आगाह किया गया है कि वह किसी भी तरह के बहकावे में न आएं। आयोग निष्पक्ष परीक्षा कराने के लिए तत्पर है। इस मामले में जांच के लिए कमेटी तय कर दी गई है। फिलहाल आयोग के अध्यक्ष बाहर गए हुए हैं, दो-तीन में उनके लौटते ही जांच के आदेश कर दिए जांएगे।