25 मई 2025, पुरोला। नीरज उत्तराखंडी
जहां एक ओर शिक्षा व्यवस्था कई चुनौतियों का सामना कर रही है, वहीं विकास खंड मोरी स्थित राजकीय इंटर कॉलेज गडूगाड़ में कार्यरत प्रवक्ता (अंग्रेज़ी) सुरेश कुमार अपने नवाचारों और समर्पण से न सिर्फ शिक्षा का स्तर उठा रहे हैं, बल्कि आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों के भविष्य को भी नई दिशा दे रहे हैं।
सुरेश कुमार केवल अंग्रेज़ी पढ़ाने तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वे शैक्षिक और शिक्षणेतर गतिविधियों में भी पूरे मनोयोग से लगे हुए हैं। उनका उद्देश्य है – वंचित और अभावग्रस्त बच्चों को मुख्यधारा में लाना, विशेष रूप से अंग्रेज़ी भाषा, संप्रेषण कौशल और 21वीं सदी की आवश्यकताओं के अनुरूप उन्हें तैयार करना।
अंग्रेज़ी सीखने को बनाया सरल और रोचक
सुरेश कुमार ने अंग्रेज़ी जैसी चुनौतीपूर्ण भाषा को सरल बनाने के लिए ‘Tiny Teacher’ जैसी नवाचारी विधियां विकसित की हैं। विद्यालय में वे स्पीच, ग्रुप डिस्कशन, नाट्य प्रस्तुतियां, वाद-विवाद, कहानी लेखन व साक्षात्कार जैसी गतिविधियों के माध्यम से विद्यार्थियों को अंग्रेज़ी में संवाद करने के लिए प्रेरित करते हैं।
दैनिक प्रार्थना सभा में भी सभी गतिविधियां अंग्रेज़ी में करवाई जाती हैं, जिससे करीब 300 छात्र-छात्राओं को सामूहिक रूप से अंग्रेज़ी भाषा का अभ्यास करने का अवसर मिलता है। इससे छात्रों के साथ-साथ अभिभावकों में भी भाषाई कौशल (LSRW – Listening, Speaking, Reading, Writing) के महत्व को लेकर जागरूकता बढ़ी है।
पर्यावरण और सामाजिक जिम्मेदारी में भी अग्रणी
पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए वे हरेला पर्व और विश्व पर्यावरण दिवस जैसे अवसरों पर विद्यालय परिसर में वृक्षारोपण जैसे कार्यक्रम आयोजित करते हैं। कोविड-19 महामारी के दौरान उन्होंने कोविड मजिस्ट्रेट के रूप में स्वास्थ्य जांच, जागरूकता अभियान और वैक्सीनेशन कार्यों में सक्रिय योगदान दिया। उनके इस योगदान के लिए उपजिला अधिकारी, पुरोला सोहन सिंह सैनी ने उन्हें प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
घर-घर जाकर पहुंचाई शिक्षा
कोरोना काल में जब विद्यालय बंद थे, तब सुरेश कुमार ने विद्यार्थियों के लिए सीडी, पेन ड्राइव और नोट्स तैयार कर उन्हें घर-घर जाकर पढ़ाया। उनका मानना है कि ऑनलाइन कार्य के माध्यम से छात्रों व अभिभावकों की मदद करना उन्हें आंतरिक संतोष प्रदान करता है।
निजी खर्च से छात्रों को सहायता
उन्होंने अपने वेतन से विद्यार्थियों को शैक्षिक सामग्री और प्रोत्साहन स्वरूप नगद धनराशि भी प्रदान की। उनका मानना है कि सरकारी विद्यालयों में घटती छात्र संख्या और विश्वास की कमी को ऐसे कार्यों से दूर किया जा सकता है।
विभागीय अधिकारियों से मिली सराहना
उनके कार्यों की सराहना पूर्व माध्यमिक शिक्षा निदेशक आर.के. कुवर, वर्तमान अपर निदेशक पदमेन्द्र सकलानी, उप निदेशक डॉ. के.एन. विजलवाण, और विकास खंड अधिकारी पंकज कुमार शर्मा ने भी की है। नामिका निरीक्षण दल ने भी विद्यालय का निरीक्षण कर उनके प्रयासों की सराहना की।
मिशन – ‘Learn English Campaign’
सुरेश कुमार का सपना है कि उनके विद्यालय का हर छात्र अंग्रेज़ी भाषा और कंप्यूटर में दक्ष बने, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करे और एक सक्षम, शिक्षित और जागरूक नागरिक बने। उनके इस संकल्प को उन्होंने नाम दिया है – ‘LEARN ENGLISH CAMPAIGN’।
सुरेश कुमार जैसे शिक्षक शिक्षा व्यवस्था की रीढ़ हैं, जो न सिर्फ ज्ञान बांटते हैं, बल्कि समाज को बेहतर भविष्य की ओर ले जाते हैं।