उत्तराखंड एसटीएफ में शुक्रवार को पुष्पांजलि इंफ्राटेक के एक निदेशक राजपाल बलिया को नैनीताल से गिरफ्तार कर लिया। पुष्पांजलि इंफ्राटेक के निदेशकों ने करीब 90 फ्लैट खरीदारों को 45 करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि का चूना लगा दिया। इस पूरे घोटाले की अहम कड़ी निदेशक दीपक मित्तल और उसकी पत्नी राखी मित्तल अभी भी फरार चल रहे हैं।दोनों भगौड़े आरोपित अभी दुबई में बताए जा रहे हैं।
उत्तराखंड लंबे समय से भूमाफियाओं और बड़े बिल्डरों की एशगाह और धोखाधड़ी का अड्डा बन चुका है।
आए दिन बिल्डरों और भूमाफियाओं द्वारा जमीन कब्जा ने और धोखाधड़ी के मामले सामने आते ही रहते हैं।
प्रवर्तन निदेशालय इससे पहले राजपाल वालिया की पत्नी शेफाली वालिया को गिरफ्तार कर चुकी है वहीं दीपक मित्तल के पिता अश्वनी मित्तल को भी देहरादून पुलिस ने गिरफ्तार कर रिमांड पर ले चुकी हैं।
क्या है पूरा मामला:
वर्ष 2020 में पुष्पांजलि बिल्डर्स के विरुद्ध कुछ फ्लैट खरीदारों/निवेशकों ने धोखाधड़ी की शिकायत की थी। जिस पर ग्रुप के मालिक दीपक मित्तल, उसकी पत्नी राखी मित्तल और अन्य निदेशक राजपाल वालिया के खिलाफ डालनवाला थाने में मुकदमा दर्ज किया था। बाद में भी लगातार मिली अन्य शिकायतों के आधार पर पुलिस ने कुल नौ मुकदमे दर्ज किए। इनमें दीपक मित्तल के पिता अश्वनी मित्तल को भी आरोपित बनाया गया था।
बीते मंगलवार को ही पुलिस ने अश्वनी मित्तल को हरिद्वार से गिरफ्तार किया। इसके साथ ही आरोपितों से की जा रही पूछताछ के आधार पर कई तथ्य सामने आने लगे। पुष्पांजलि ग्रुप व अन्य सहयोगियों के बैंक खातों की जांच की गई तो 41 खातों से 205 करोड़ के लेनदेन का पता चला। खातों के लेनदेन से पुलिस को पता चला कि दुबई के एक बिल्डर को भी बड़ी धनराशि दी गई है। इसके अलावा कुछ बड़ी संपत्तियां भी खरीदी गईं। एसएसपी ने बताया कि अब गैंगस्टर एक्ट में भी आरोपितों की संपत्तियां जब्त की जाएंगीं।
इस पूरे घोटाले मामले में पुष्पांजलि ग्रुप के साथ एक चार्टेड अकाउंटेंट, एक फिल्म निर्माता और एक बड़े बिल्डर के भी शामिल होने की जानकारी मिली है।