उद्यान विभाग अपने आप में चर्चा का विषय रहा है, चाहे कोई भी प्रकरण हो, एप्पल मिशन, पोली हाउस , औजार, यंत्र ,खाद , रसायन, पाइप शीतकालीन पौधे वर्षाकालीन पौधे हों या फिर अन्य यंत्र की खरीदारी हो, इन सब मे निदेशक स्तर से और जिले स्तर मे जिला उद्यान अधिकारी सभी उद्यान विभाग घोटाले में रहा है ,और इस घोटाले में चाहे वह निदेशक हो जॉइंट डायरेक्टर हो या फिर जिलों में रह रहे जिला उद्यान अधिकारी हो या मुख्य उद्यान अधिकारी या फॉर्म सभी लोग सम्मिलित हैं, जो मिलकर के इस उद्यान की बगिया को उजड़ने में लगे रहते हैं।
ऐसा ही प्रकरण यह है कि अभी तक उद्यान विभाग में 13 जनपदों में शीतकालीन अवधि के पौधे नहीं बांटे गए हैं।
इसके पीछे भी कारण यह है कि उनको अभी तक पूरा तंत्र नहीं मिल पाया कि किस तरह से इन पौधों मे अपना कमीशन को निकाला जाए।
जनपदों के जिला उद्यान अधिकारियों से वार्ता की तो उन्होंने कहा कि अभी तक शासन से हमारे पास इस संबंध में ना तो कोई बजट आया है, और ना ही कोई लेटर आया है।
अब जब अवधि का समय पूर्ण रूप से समाप्त हो चुका है और अब तो बसंत ऋतु का भी आगमन होने वाला है ऐसे मे अब शीतकालीन पौधों का लगाना उचित नहीं है।
अगर वह पौधे लग भी जाते है तो उन पौधों की जड़ें अब जमीन मे मिट्टी नही पकड़ पायेगी और विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों के लिए तो यह पौधे किसी काम के नहीं है, क्योंकि उनका जो समय है वह चला गया है। एक किस्म से जड़ को नहीं पकड़ पाएंगे।
उद्यान विभाग जो कि अपने में पहले से ही घोटाले में नंबर वन पर रहा है, और इतने घोटाले होने के बाद भी वह आगे से भी पौधों में भी अब घोटाले करने की मंशा बनाई हुई है, अगर यही स्थिति रही तो कैसे ग्रामीण क्षेत्र मे किसान स्वावलंभी बन पाएंगे!