देहरादून। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) के तहत 22 अप्रैल 2025 को देहरादून में राष्ट्रीय राज्य गुणवत्ता समन्वयक कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में ग्रामीण सड़कों की गुणवत्ता सुधार को लेकर गहन विचार-विमर्श हुआ और “स्टेज पासिंग” नामक एक नई व्यवस्था को लेकर खास चर्चा की गई, जिसे पीएमजीएसवाई-4 के अंतर्गत लागू किया जाना प्रस्तावित है।
इस नई प्रणाली के तहत सड़क निर्माण को चार चरणों में विभाजित किया गया है। प्रत्येक चरण के बाद निर्माण को आगे बढ़ाने से पूर्व संबंधित चरण की अनिवार्य स्वीकृति प्रोग्राम इम्प्लीमेंटेशन यूनिट (PIU) से लेनी होगी। इसका उद्देश्य निर्माण कार्यों में गुणवत्ता, पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना है।
इस अवसर पर भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय के सचिव श्री शैलेश कुमार सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यशाला को संबोधित किया। उन्होंने उत्तराखंड द्वारा गुणवत्ता सुधार के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि स्टेज पासिंग जैसी प्रणाली कार्यों की पारदर्शिता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने में अत्यंत प्रभावी सिद्ध होगी।
कार्यशाला में इस प्रणाली के लिए विकसित किए जा रहे एक मोबाइल एप का डेमो भी प्रस्तुत किया गया, जो इसके सुचारु क्रियान्वयन में तकनीकी सहायता प्रदान करेगा।
एनआरआईडीए के महानिदेशक एवं संयुक्त सचिव (आरसी) श्री अमित शुक्ला ने बताया कि पीएमजीएसवाई कार्यों में गुणवत्ता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है और यह नई प्रणाली मौजूदा गुणवत्ता तंत्र को और अधिक सुदृढ़ बनाएगी।
उत्तराखंड शासन की सचिव (ग्रामीण विकास) श्रीमती राधिका झा ने इस दौरान यूआरआरडीए द्वारा विकसित निरीक्षण ऐप की जानकारी दी, जिससे जूनियर इंजीनियर से लेकर मुख्य अभियंता तक के निरीक्षण कार्यों की सीधी निगरानी संभव होगी। उन्होंने भारत सरकार को आश्वस्त किया कि राज्य सरकार अच्छी गुणवत्ता वाली सड़कों के निर्माण के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध है।
इस महत्वपूर्ण अवसर पर डॉ. आई. के. पाटेरिया, निदेशक (पी-III), एनआरआईडीए ने भी अपनी टीम के साथ भाग लिया और गुणवत्ता निगरानी प्रणाली की विस्तृत जानकारी दी।
कार्यशाला में यूआरआरडीए के सीईओ श्री हिमांशु खुराना, मुख्य अभियंता श्री एस. के. पाठक समेत देशभर से आए राज्य गुणवत्ता समन्वयकों ने हिस्सा लिया और ग्रामीण सड़कों की गुणवत्ता से जुड़े मुद्दों पर अपने विचार साझा किए।
यह कार्यशाला न केवल ग्रामीण सड़क नेटवर्क के सतत विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम रही, बल्कि पीएमजीएसवाई के अंतर्गत गुणवत्ता आश्वासन प्रणाली को और भी मजबूत करने में मील का पत्थर साबित हुई।