रिपोर्ट: बिजेंद्र राणा
प्रदेश में लंबे समय से पर्वतीय राजस्व निरीक्षक राजस्व उप निरीक्षक एवं राजस्व सेवक संघ लंबे समय से अपनी विभिन्न मांगों को लेकर मुखर है परंतु अपनी मांगों को पूरा होता ना देख संघ स्वयं को ठगा हुआ महसूस कर रहा है।
इसी क्रम में पर्वतीय राजस्व निरीक्षक राजस्व उप निरीक्षक एवं राजस्व सेवक संघ जिला चमोली ने मंगलवार से दो दिवसीय कार्य बहिष्कार का ऐलान किया है।
कार्य बहिष्कार के दौरान पर्वतीय क्षेत्र के कानूनगो, पटवारियों व अनुसेवकों ने मंगलवार को परिसर में धरना प्रदर्शन भी किया गया ।
संघ का कहना है कि वे राजस्व गांव जहां रेगुलर पुलिस व्यवस्था लागू की गई है उन्हें 25 मई 2025 तक रेगुलर पुलिस को हस्तगत किया जाना था, लेकिन ये गांव अब तक भी रेगुलर पुलिस को हस्तगत नहीं हुए हैं। इसलिये इन गांवों को रेगुलर पुलिस को हस्तगत किया जाए ।
खतौनी अंश निर्धारण एवं फॉर्मर रजिस्ट्री में उपकरणों व साधनों की कमी है। वे इस वक्त सिर्फ मोबइल फोन से इस काम को करने को मजबूर हैं। कर्मियों की मांग है कि लैपटॉप, डाटा पैक और मानदेय दिया जाए। इसके अलावा प्रदेश में राजस्व पुलिस का कार्य नियमित पुलिस को हस्तांतरित करने के आदेश का अनुपालन करने की मांग की गई है।
संघ की दूसरी मांग में कहा गया है कि अंश निर्धारण में उच्च अधिकारियों द्वारा अनावश्यक दबाव बनाकर वेतन आदि रोके जाने की कार्यवाही की जा रही है। जिससे संगठन में रोष है।
राजस्व कर्मियों की इस हड़ताल का प्रत्यक्ष प्रभाव जनता पर पड़ रहा है एवं जनहित के कार्य प्रभावित हो रहे हैं दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्र से आए हुए लोग कार्य बहिष्कार के चलते मायूस मन से वापस लौट रहे हैं।