स्टोरी(कमल जगाती, नैनीताल):- ऊत्तराखण्ड के नैनीताल पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने राज्य की आधी आबादी की समस्याओं का निदान करने के लिए विधानसभा सत्र को तीन दिनों से बढ़ाकर समस्याओं का हल करने को कहा है।
नैनीताल क्लब में मीडिया से बात करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि गैरसैण में हुए तीन दिवसीय सत्र का एक दिन तो शोक सभा जबकि दो दिन बहसबाजी में बीत जाता है। लिहाजा इसे कुछ और दिन बढ़ाकर राज्य के प्रमुख मुद्दों का समाधान निकाला जाए। उन्होंने सत्र बढ़ाने के तीन कारण बताए जिसमें एक प्रमुख समय की कमी, स्पीकर द्वारा पारित विधेयक को सीधे भेजना गलत है और इसके साथ ही महिलाओं के साथ दो माह में नौ गंभीर अपराधों पर संवेदनशील होकर विधानसभा में पृथक बहस होनी चाहिए। उन्होंने विधानसभा सत्र को नाकाफी बताते हुए कहा कि 50 प्रतिशत आबादी की आवाज उठाने के लिए सत्र बढ़ाना चाहिए। कहा कि राज्य में ठेकेदार योजना बना रहे हैं जो बाहर से आए हैं। खर्च हमारे हित के लिए नहीं हो रहा है। दस वर्षों की प्रगति पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि पहले हम ठेकेदार थे, फिर हम ठेकेदार के किटकनदार हुए और अब हम किटकनदार के भी किटकनदार बन गए हैं। इस दौरान उनके साथ पूर्व दर्ज राज्यमंत्री रमेश पांडेय, पूर्व नगर पालिका चैयरमैन मुकेश जोशी ‘मोंटू’, कांग्रेस नगर अध्यक्ष अनुपम कबड़वाल, मुन्नी तिवारी, धीरज बिष्ट, खष्टी बिष्ट, हिमांशु जोशी, कमलेश तिवारी, सरस्वती खेतवाल, राजेन्द्र व्यास, रइस अहमद आदि मौजूद


पूर्व मुख्यमंत्री रावत ने गैरसैण विधानसभा सत्र को नाकाफी और कमियों वाला बताया। जानिए क्या तीन बड़े संवाल उठाए…


