स्टोरी(कमल जगाती, नैनीताल):- ऊत्तराखण्ड के रामगढ़ में विलुप्तप्राय सिराव का घायल शावक मिला, पूर्व फौजी ने इलाज कर वन विभाग को सौंपा। डी.एफ.ओ.चंद्रशेखर जोशी ने बताया कि शावक को रानीबाग रैस्क्यू सेंटर में ट्रीटमेंट दिया जा रहा है।
नैनीताल जिले के रामगढ़ क्षेत्र में पिछले दिनों, हिरन प्रजाति का विलुप्तप्राय हिमालयन सिराव(हिमालयन गोट)का बच्चा जंगल से भटककर रामगढ़ मोटर मार्ग में पहुंच गया। नन्हा सिराव घायलावस्था में वन्यजीव प्रेमी और पूर्व फौजी कुन्दन सिंह चिलवाल को मिला। बताया कि उन्होंने नन्हे सिराव को उसकी माँ से मिलाने के लिए पास ही के जंगल में 2 घंटे के लिए छोड़ा। इसके बाद वो घायल सिराव को उठाकर घर ले गए। उन्होंने नन्हें सिराव का इल्ज शुरू किया और साथ ही साथ डी.एफ.ओ.चन्द्र शेखर जोशी और रेंजर प्रमोद कुमार आर्या जी को भी सूचित किया। फारेस्ट टीम तत्काल उनके घर पहुंची। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि ये हिरन प्रजाति का शेड्यूल-1 का विलुप्तप्राय सिराव है जो नैनीताल के चारों तरफ की पहाड़ियों और हिमालयन रेंज में पाया जाता है। कुंदन ने बताया कि उनकी माताजी व परिवार ने दिनरात परिवार के बच्चे की तरह नन्हे ‘सिराव’ को दूध, पानी, रोटी आदि खाना सिखाया। उसे घास चबाने की बार-बार कोशिश कराकर आदत डाली और आज वन विभाग के रेंजर को स्वस्थ हालात में नन्हा सिराव सौंपा। कुंदन ने सोशियल मीडिया के माध्यम से लोगों से प्रार्थना की है कि अगर किसी को भी कोई इंसान या वन्यजीव घायलावस्था में मिले तो उसे तड़पता हुआ न छोड़कर इलाज दें।