स्टोरी(कमल जगाती, नैनीताल):- ऊत्तराखण्ड में नैनीताल के ओखलकांडा से वही असहज करने वाले वीडियो सामने आए हैं,जहां एक घायल महिला की डोली को 5 किलोमीटर कंधों पर रखकर ग्रामीण नजदीकी मोटर मार्ग तक लाए। इक्कीसवीं सताब्दी में भारत की आजादी के 77 वर्ष बाद ये हाल देखकर विकास के दावे करने वालों को शर्म आनी चाहिए।
नैनीताल जिले के ओखलकान्डा स्थित सुनकोट गांव निवासी 27 वर्षीय दीपा देवी खेत में घास काटने के दौरान गिर गई। दीपा चोटिल हो गई तो उन्हें सुनकोट गांव से 5 किलोमीटर डोली में बैठाकर पैदल ही उबड खाबड रास्तों और जंगल से गुजरते हुए नजदीकी मोटर मार्ग तक लाया गया।
वहां से दीपा को प्राइवेट वाहन से 18 किलोमीटर दूर प्राथमिक उपचार केंद्र ढोली गांव में उपचार दिया गया। गिरने से दीपा के सिर में नौ टाके लगे हैं।
क्षेत्र के लोगों ने कई वर्षों से गांव में प्राथमिक उपचार केंद्र और पैदल मार्ग की जगह मोटर मार्ग की मांग रखी। कई बार ग्रामीणों को प्रशासन से झूठे आश्वासन मिले लेकिन धरातल में हाल जस के तस।
पूर्व ग्राम प्रधान मदन सिंह नौलिया, डीकरनाथ गोस्वामी, पूरन नाथ गोस्वामी, भगवान सिंह बोरा, ईश्वर सिंह बोरा, पूरन बोरा आदि ग्रामीणों ने घायल दीपा को स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया।
वीडियो देखिए: