मुनस्यारी, 18 अगस्त।
मल्ला जोहार के माइग्रेशन गांवो में पहले तीन माह का राशन तीन माह बाद आधा अधूरा बांटा गया। अभी दूसरे तीन माह के राशन का एक दाना भी लोगो को नहीं मिला है।
ठेकेदार के खिलाफ़ थाने में दी गई तहरीर नाटकीय ढंग से वापस ले ली गई है। क्षेत्र में भुखमरी की स्थिति पैदा हो गई है। जिला प्रशासन तथा विभाग ठेकेदार को बचाने में लगी हुई है।
मल्ला जोहार व रालम के माइग्रेशन वाले गांवो की स्थिति राशन की किल्लत के कारण बेहद खराब हो गयी है। मई माह में मिलने वाला तीन माह का राशन आधा अधुरा पूर्व जिलाधिकारी आनंद स्वरुप के कड़े कदम उठाने के बाद बांटा गया।
अगस्त में फिर तीन माह का राशन का कोटा बटना था, जो आज 17 दिन के बाद भी बुर्फू गोदाम तक नहीं पहुंचा है। खाद्य पूर्ति विभाग की घोर लापरवाही व ठेकेदार से सांठगांठ के कारण राशन वितरण ठप सा हो गया है।
चार माह से राशन वितरण नहीं हो पाने से जनता बेहाल हो गई है। पूर्व जिलाधिकारी ने ठेकेदार के खिलाफ़ मुकदमा दर्ज करने तथा ब्लैक लिस्ट करने के आदेश जारी किया था।
सहायक खाद्य निरीक्षक मुनस्यारी ने ठेकेदार के खिलाफ़ मुकदमा दर्ज करने के लिए तहरीर दी। उसके बाद दूसरे दिन ए.एफ.जी.आई. ने थाने से तहरीर वापस ले ली। उसके बाद मामले को ठंडा कर दिया गया है। राशन का ठेकेदार अब ज्यादा मनमानी पर उतर आया हो।
जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने आज जिलाधिकारी को ईमेल से पत्र लिखकर तहरीर वापस लेने के मामले की जांच करने की मांग की। यह भी कहा कि ठेकेदार को बचाने तथा जनता को भूखा मारने के पीछे किसका हाथ है, इस बात को सार्वजनिक किया जाये।
मर्तोलिया ने कहा कि तीन दिन के भीतर मल्ला जोहार के गांवो में राशन हैली से नहीं भेजा गया तो वे कानून व्यवस्था को भंग करते हुए जिलाधिकारी के कक्ष के भीतर भूख हड़ताल शुरु कर देंगे। इसकी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी।