मामचन्द शाह
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार को बड़ा झटका देते हुए अतिक्रमण हटाओ अभियान की समय सीमा बढ़ाने के लिए की गई अपील को खारिज कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि इसके लिए उत्तराखंड हाई कोर्ट में ही अपील की जानी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद प्रशासन ने फिर से अतिक्रमण हटाने का अभियान पुराने उत्साह से जारी कर दिया है। इससे पहले विगत 2 दिनों से अतिक्रमण हटाओ अभियान में उत्तराखंड सरकार के विधायक ही आड़े आ गए थे। कल दोपहर देहरादून के प्रेमनगर में अतिक्रमण हटाने गए प्रशासन का विरोध करने के लिए भाजपा विधायक गणेश जोशी, हरवंश कपूर, खजानदास तथा उमेश शर्मा काऊ धरने पर बैठ गए थे। उनकी देखादेखी कांग्रेस ने भी मुद्दे को हाथ से जाते देखकर भाजपाई विधायकों के बगल में कुर्सियां हथिया दी थी
इधर भाजपाई विधायकों को प्रेम नगर में अतिक्रमण हटाओ अभियान के विरोध में धरना देने से उनकी विधानसभा क्षेत्रों के लोगों ने उन्हें खूब आड़े हाथों लिया। लोगों का कहना था कि जब धर्मपुर, रायपुर आदि इलाकों में अतिक्रमण हटाया जा रहा था , लोगों की दुकानें और घर तोड़े जा रहे थे, तब यह विधायक गायब थे। लेकिन प्रेम नगर में अतिक्रमण हटाओ अभियान के विरोध में धरना देने पहुंच गए। सभी विधायक इस कदम से उल्टे ही घिर गए थे। मात्र एक विधायक विनोद चमोली अतिक्रमण हटाओ अभियान के समर्थन में हैं।
विनोद चमोली का कहना है कि अतिक्रमण हटना चाहिए, जबकि उपरोक्त बाकी विधायकों का मानना है कि जनता को राहत मिली चाहिए।
देहरादून के तमाम जन संगठन अतिक्रमण हटाओ अभियान के समर्थन में आकर खड़े हो गए हैं। नागरिक मंच के सुशील कुमार त्यागी ने सरकार और हाईकोर्ट के इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि यह अभियान बहुत बेहतरीन है और अतिक्रमण हटाए जाने वाली जगहों पर दोबारा से कब्जा ना हो इसके लिए बेहतरीन उपाय किए जाने चाहिए।
अतिक्रमण हटाओ अभियान में भाजपा के मेयर पद के दावेदार सुनील उनियाल गामा सिरे से गायब हैं। सरकार को लगता है कि यदि अतिक्रमण हटाओ अभियान इसी तरह से चलता रहा तो निकाय चुनाव में सरकार को नुकसान होना तय है।
यह माना जा रहा है कि अतिक्रमण हटाओ अभियान में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के अलावा बाकी कोई भी विधायक समर्थन में नहीं है।
सूत्रों के अनुसार त्रिवेंद्र सिंह रावत का मानना है कि एक बार अतिक्रमण पूरी तरह से हटा दिया जाना चाहिए। यही कारण था कि त्रिवेंद्र सिंह रावत की सहमति अतिक्रमण हटाने के लिए सन् 1938 के नक्शे को लेकर थी।
अतिक्रमण हटाने के समर्थन में आए कई जनसंगठन
अतिक्रमण हटाओ अभियान के समर्थन में आये जनसंगठन
कोर्ट के आदेशों की अवहेलना होने पर जिम्मेदारों के विरूद्व जायेंगे अदालत
जनमंच संस्था के तत्वावधान में आयोजित एक बैठक में विभिन्न संगठनों के जागरूक लोगों ने हाईकोर्ट द्वारा अतिक्रमण के मामले में दिये गये फैसले को सराहा, तथा वोटों की राजनीति कर अतिक्रमण करने वालों का समर्थन करने पर राष्ट्रीय दलों की निंदा की। बैठक में निर्णय लिया गया कि कोर्ट के आदेश की अवहेलना किये जाने पर जिम्मेदारों के विरूद्व अदालत की शरण ली जायेगी।
परेड़ ग्राउंड स्थित उज्जवल रेस्टोरेंट में अतिक्रमण हटाओ अभियान को लेकर संयुक्त नागरिक संगठन के सचिव सुशील त्यागी की अध्यक्षता में एक बैठक का आयोजन किया गया। जनमंच संस्था के तत्वावधान में आयोजित बैठक में विभिन्न जनसंगठनों के जागरूक लोगों ने हाईकोर्ट द्वारा अतिक्रमण के मामले में दिये गये फैसले को सराहा तथा वोटों की राजनीति कर अतिक्रमण करने वालों का समर्थन करने पर राष्ट्रीय दलों की निंदा की। बैठक में प्रस्ताव किया गया कि नैनीताल हाईकोर्ट के आदेशानुसार देहरादून में जारी अतिक्रमण हटाओ अभियान को सही, सूचारू और निष्पक्ष रूप में लाजिकल एंड तक ले जाया जाये।
वक्ताओं का कहना था कि बहुत सी ताकतें हाईकोर्ट द्वारा पारित आदेशों के अनुपालन को शिथिल करने का प्रयास कर रही है। देखने में आ रहा है कि बड़े अधिकारियों, बड़े व्यवसायिक प्रतिष्ठानों आदि के खिलाफ अतिक्रमण हटाओं अभियान को लैटर एंड स्प्रिट में लागू नही किया जा रहा है। संगठन ने प्रशासन से अनुरोध किया कि वह बिना दबाव एवं भयमुक्त होकर कार्य करें। दून की जनता हाईकोर्ट के निर्णय, पीआईएल याचिकाकर्ता मनमोहन लखेड़ा एवं प्रशासन के साथ खड़ी है। बैठक में अतिक्रमण हटाओ अभियान में लगे अधिकारियों को समर्थन देते हुये उनके सकारात्मक प्रयासों की प्रशंसा की गई।
इस अवसर पर गोवर्धन शर्मा, डा. महेश भण्डारी, अरूण प्रताप सिंह, ब्रि. केजी बहल, कर्नल ;सेनि वीके नौटियाल, यशवीर आर्य, पूर्व आईजी मदन मोहन पंत, मेड से आदर्श त्रिपाठी, अशोक खन्ना, डा. कुलदीप दत्ता, सुजाता पाल, रेनू पाल, विनोद सिंह पुण्डीर, ठाकुर सुक्खन सिंह, संजय शर्मा, चेतन सिंह खड़का, मनोज ध्यानी आदि उपस्थित रहे।
कोर्ट के आदेशों की अवहेलना होने पर जिम्मेदारों के विरूद्व जायेंगे अदालत
जनमंच संस्था के तत्वावधान में आयोजित एक बैठक में विभिन्न संगठनों के जागरूक लोगों ने हाईकोर्ट द्वारा अतिक्रमण के मामले में दिये गये फैसले को सराहा, तथा वोटों की राजनीति कर अतिक्रमण करने वालों का समर्थन करने पर राष्ट्रीय दलों की निंदा की। बैठक में निर्णय लिया गया कि कोर्ट के आदेश की अवहेलना किये जाने पर जिम्मेदारों के विरूद्व अदालत की शरण ली जायेगी।
परेड़ ग्राउंड स्थित उज्जवल रेस्टोरेंट में अतिक्रमण हटाओ अभियान को लेकर संयुक्त नागरिक संगठन के सचिव सुशील त्यागी की अध्यक्षता में एक बैठक का आयोजन किया गया। जनमंच संस्था के तत्वावधान में आयोजित बैठक में विभिन्न जनसंगठनों के जागरूक लोगों ने हाईकोर्ट द्वारा अतिक्रमण के मामले में दिये गये फैसले को सराहा तथा वोटों की राजनीति कर अतिक्रमण करने वालों का समर्थन करने पर राष्ट्रीय दलों की निंदा की। बैठक में प्रस्ताव किया गया कि नैनीताल हाईकोर्ट के आदेशानुसार देहरादून में जारी अतिक्रमण हटाओ अभियान को सही, सूचारू और निष्पक्ष रूप में लाजिकल एंड तक ले जाया जाये।
वक्ताओं का कहना था कि बहुत सी ताकतें हाईकोर्ट द्वारा पारित आदेशों के अनुपालन को शिथिल करने का प्रयास कर रही है। देखने में आ रहा है कि बड़े अधिकारियों, बड़े व्यवसायिक प्रतिष्ठानों आदि के खिलाफ अतिक्रमण हटाओं अभियान को लैटर एंड स्प्रिट में लागू नही किया जा रहा है। संगठन ने प्रशासन से अनुरोध किया कि वह बिना दबाव एवं भयमुक्त होकर कार्य करें। दून की जनता हाईकोर्ट के निर्णय, पीआईएल याचिकाकर्ता मनमोहन लखेड़ा एवं प्रशासन के साथ खड़ी है। बैठक में अतिक्रमण हटाओ अभियान में लगे अधिकारियों को समर्थन देते हुये उनके सकारात्मक प्रयासों की प्रशंसा की गई।
इस अवसर पर गोवर्धन शर्मा, डा. महेश भण्डारी, अरूण प्रताप सिंह, ब्रि. केजी बहल, कर्नल ;सेनि वीके नौटियाल, यशवीर आर्य, पूर्व आईजी मदन मोहन पंत, मेड से आदर्श त्रिपाठी, अशोक खन्ना, डा. कुलदीप दत्ता, सुजाता पाल, रेनू पाल, विनोद सिंह पुण्डीर, ठाकुर सुक्खन सिंह, संजय शर्मा, चेतन सिंह खड़का, मनोज ध्यानी आदि उपस्थित रहे।