आखिरकार आरटीआई कार्यकर्ता भूपेंद्र कुमार की मेहनत रंग लाई। आईजी लॉ दीपम सेठ ने उत्तराखंड के सभी एसएसपी को आदेश दिया है कि यदि कोई चाइनीज पटाखे बेचते पकड़ा जाए तो उसके खिलाफ विस्फोटक अधिनियम में कार्यवाही करनी होगी। गौरतलब है कि आरटीआई कार्यकर्ता भूपेंद्र कुमार ने 31 अक्टूबर 2018 को मानवाधिकार आयोग में चाइनीज पटाखों पर रोक लगाने की विषय में अपील की थी। इससे पहले भी वर्ष 2016 में 20 अगस्त को भूपेंद्र कुमार ने मानवाधिकार आयोग का दरवाजा खटखटाया था। इस पर मानव अधिकार आयोग ने तभी चाइनीज पटाखों पर रोक लगाने के आदेश दिए थे किंतु मानवाधिकार आयोग का यह आदेश पुलिस मुख्यालय की फाइलों में दबकर रह गया।
इस पर कार्यवाही ना होने पर भूपेंद्र कुमार फिर से 31 अक्टूबर 2018 को मानवाधिकार आयोग गए तो मानवाधिकार आयोग ने 1 नवंबर को भूपेंद्र कुमार की पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और पर्यावरण प्रदूषण बोर्ड के निदेशक को कार्यवाही करने के लिए दोबारा से आदेश कर दिए।
त्यौहार नजदीक देख भूपेंद्र कुमार ने खुद यह आदेश सभी को रिसीव कराए, साथ ही अनुपालन सुनिश्चित कराने के लिए 2016 में कराए गए ऐसे ही आदेश पर कार्यवाही के विषय में 48 घंटे के अंदर सूचना के अधिकार के अंतर्गत सूचना मांग ली।
इससे शासन-प्रशासन हरकत में आ गया और आनन-फानन में प्रदेश के सभी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों और पुलिस अधीक्षकों को कार्यवाही के लिए आदेश कर दिए। गौरतलब है कि दिल्ली के राजस्व इंटेलिजेंस निदेशालय के डीजीपी श्री देवी प्रसाद दास ने भी उत्तराखंड के डीजीपी को आदेश जारी करके चाइनीज पटाखों की बिक्री पर रोक लगाने के आदेश दिए हैं।
आरटीआई कार्यकर्ता भूपेंद्र कुमार कहते हैं कि चीन से अवैध रूप से आए पटाखे न सिर्फ ज्यादा ध्वनि और पर्यावरण प्रदूषण फैलाते हैं, बल्कि देश के आर्थिक हितों के लिए भी चाइनीज पटाखे नुकसान दायक हैं।
ऐसे में उनका उद्देश्य दो तरफा कार्यवाही कराने का है एक और जनमानस में चाइनीज वस्तुओं की बिक्री हतोत्साहित करने के लिए माहौल बनाया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर कानूनी रास्ते को अपनाकर चाइनीज पटाखों की बिक्री हतोत्साहित की जा रही है।