भूपेंद्र कुमार
उत्तराखंड में शराब माफिया के हौसले इतने बुलंद हैं कि ओवर रेटिंग पर तमाम दावों और कार्यवाही की बात कहने के बाद भी कोई अंकुश नहीं लग पा रहा है।ओ यहां तक कि एटीएम कार्ड से बिल स्वैप कराने पर भी शराब विक्रेता ओवररेटिंग कर रहे हैं।
ओवररेटिंग पर अंकुश लगाने वाले अधिकारी सिरे से गायब हैं। और शराब विक्रेता तथा उनके एजेंट सीना ठोक कर कहते हैं कि ओवर रेटिंग तो होगी ही, क्योंकि इसका पैसा ऊपर तक जाता है।
10 अक्टूबर को इस तरह की शिकायत जब एक पीड़ित व्यक्ति ने इस संवाददाता से की तो तो यह संवाददाता खुद देहरादून की चकराता रोड पर बिंदाल पुल स्थित अंग्रेजी शराब की दुकान पर शराब खरीदने के लिए गया।
इस दुकान के अनुज्ञापी सचिन कर्नवाल हैं। जब इस संवाददाता ने सेल्समैन से रॉयल स्टैग शराब का एक हाफ लेकर एटीएम से भुगतान किया तो सेल्समैन ने कार्ड को स्वैप मशीन में डालकर ₹305 के बदले ₹310 वसूल लिए।
शराब की बोतल पर ₹305 अंकित हैं, लेकिन शराब विक्रेता द्वारा दी गई रसीद तथा एटीएम कार्ड से कटे हुए पैसे का मोबाइल पर आया मैसेज इस बात की तस्दीक करते हैं कि इस शराब की दुकान पर धड़ल्ले से ओवर रेटिंग की जा रही है और विक्रेता स्वैपिंग मशीन के माध्यम से भी धोखाधड़ी करने से नहीं डर रहे।
पहले भी आराघर मे ओवर रेटिंग, नही हुई कार्रवाई
यही नहीं 28 जुलाई को भी आराघर स्थित शराब की दुकान पर ओवर रेटिंग का एक ऐसा ही मामला इस संवाददाता ने पकड़ा था। इसकी शिकायत भी थाना डालनवाला में एक तहरीर के माध्यम से सबूतों के साथ की गई थी, लेकिन आज तक भी उस पर मुकदमा तक दर्ज नहीं हो पाया है। कार्यवाही तो दूर की बात है। उस प्रकरण की शिकायत भी आबकारी मंत्री से लेकर आबकारी आयुक्त की गई थी लेकिन किसी के स्तर से कोई कार्यवाही नहीं हुई।
28 जुलाई को रॉयल स्टैग शराब की 1 बोतल पर दुकानदार ने ₹10 अधिक वसूल लिए थे। रॉयल स्टैग की बोतल पर ₹610 की कीमत अंकित थी, जबकि एटीएम कार्ड भुगतान करने पर भी ₹620 वसूले गए। इस संवाददाता ने दुकान की स्वैपिंग मशीन की रसीद तथा मोबाइल पर 620 रुपए डेबिट होने के एसएमएस के स्क्रीन शॉट प्रिंट आउट लेकर इसकी शिकायत की थी किंतु कोई कार्यवाही नहीं की गई।
इस संवाददाता ने इसकी शिकायत राज्यपाल, आबकारी मंत्री, आबकारी आयुक्त से लेकर जिलाधिकारी और कोतवाली थाने तक की है।
इस संवाददाता ने मूल्य से अधिक धनराशि वसूलने पर धोखाधड़ी और अमानत में खयानत पर धारा 420, 406 और अन्य उचित धाराओं में मुकदमा दर्ज करने के लिए कोतवाली थाना प्रभारी निरीक्षक को एक तहरीर दी है। देखना यह है कि इस पर भी कोई कार्यवाही हो पाती है या नही।
गौरतलब है कि 28 जुलाई वाली घटना से ठीक 1 दिन पहले आबकारी मंत्री ने उच्चाधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक के बाद ऐलान किया था कि जो भी शराब विक्रेता ओवर रेटिंग करेगा, उसका लाइसेंस निरस्त कर दिया जाएगा किंतु बैठक के अगले दिन ही अवैध वसूली अपने चरम पर थी। देखना यह है कि ताजा प्रकरण पर भी कोई कार्यवाही नहीं हो पाती है या नही।
देखना यह है कि ओवर रेटिंग को लेकर शराब की दुकान के लाइसेंसी ठेकेदार और सेल्स मैन के विरूद्ध क्या कार्रवाई की जाती है!