पर्वतजन
  • Home
  • उत्तराखंड
  • सरकारी नौकरी
  • सरकारी योजनाएं
  • इनश्योरेंस
  • निवेश
  • ऋृण
  • आधार कार्ड
  • हेल्थ
  • मौसम
No Result
View All Result
  • Home
  • उत्तराखंड
  • सरकारी नौकरी
  • सरकारी योजनाएं
  • इनश्योरेंस
  • निवेश
  • ऋृण
  • आधार कार्ड
  • हेल्थ
  • मौसम
No Result
View All Result
पर्वतजन
No Result
View All Result

Home पर्वतजन

गंगा और गोमुख पर बड़ा षडयन्त्र ! मंत्री ने मानी गलती

October 13, 2017
in पर्वतजन
ShareShareShare
नमामि गंगे कार्यक्रम मे गंगोत्री की उपेक्षा पर भड़के तीर्थ पुरोहित
गंगोत्री मे स्वच्छता पखवाड़े मे काबीना मंत्री के समक्ष दिखाई नाराजी 
शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने मांगी माफी 
भागीरथी और गंगा पर भेद करने को लेकर मचा बबाल 
नमामि गंगे कार्यक्रम मे केन्द्रीय मंत्रालय द्वारा छापे गए पर्चो मे गंगोत्री का नाम नहीं 
अलकनन्दा के संगम पर देवप्रयाग से आगे नदी को  गंगा की पहिचान बताने वालों पर उठाए सवाल
गिरीश गैरोला
गंगा का उद्गम कहां है ?
उत्तर साफ है–गौमुख! तब गंगा देवप्रयाग से क्यों ?भागीरथी नदी को गंगा से इतर मानने के पीछे क्या है षड्यंत्र ?
क्या गंगा गौमुख-गंगोत्री से निकलती है? यदि हां तो उसे देवप्रयाग मे अलकनंदा से संगम के बाद ही क्यों उसे गंगा कहा जा रहा है!!
भागीरथी को गंगा से क्यों अलग बताने का प्रयास किया जा रहा है ?
भारत सरकार के नमामि गंगे कार्यक्रम मे गंगोत्री से  स्वच्छ गंगा अभियान की शुरुआत करने के बाद भी मंत्रालय द्वारा जारी पंपलेंट मे गंगोत्री का कोई नाम नहीं होने से गंगोत्री तीर्थ पुरोहित नाराज हैं। उन्होने पुराणों का जिक्र करते हुए बताया कि भागीरथी और गंगा मे कोई भेद नहीं है और बार बार ऐसा करके गंगोत्री धाम की उपेक्षा की जा रही है। जबकि उत्तराखंड के चार धाम मे से गंगोत्री का काल निर्धारण नहीं किया जा सकता। क्योंकि वह त्रेता युग मे भगवान राम के जन्म से भी सात पीढ़ी पूर्व राजा भागीरथ द्वारा सनातन समय से स्थापित है।
नमामि गंगे के तहत राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के अंतर्गत गंगोत्री धाम मे सूबे के काबीना मंत्री अरविंद पांडे की मौजूदगी मे हुए सिद्धि से संकल्प कार्यक्रम मे गंगोत्री तीर्थ पुरोहितों ने सरकार पर गंगोत्री की उपेक्षा का आरोप लगते हुए नाराजी दिखाई है।
 जल संसाधन नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय भारत सरकार की तरफ़ से बांटे गए पंपलेंट मे गंगा को लेकर विष्णु प्रयाग, नन्द प्रयाग , कर्ण प्रयाग और रुद्र प्रयाग का नाम के साथ तस्वीर दिखाई गयी हैं, किन्तु गंगोत्री का उसमे कही भी जिक्र तक नहीं है। गंगोत्री मंदिर समिति के  अध्यक्ष मुकेश सेमवाल ने आरोप लगाया कि पंपलेट मे गौमुख की तस्वीर तो दिखाई गई पर ये नहीं लिखा गया कि ये गौमुख है।
 गौमुख से निकालने वाली धारा को भागीरथी बताकर गंगा से भिन्न बताने वालों पर उन्होने सवाल उठाया कि गंगा के सहस्र नाम त्रिपथगामनी, सुरसरि देवनंदनी आदि मे से एक नाम भागीरथी भी है और पूरी दुनिया जानती है कि राजा भागीरथ के तप के प्रभाव से गंगोत्री मे उतरने के चलते इसे राजा भगीरथ के नाम पर भागीरथी कहा गया था। गौमुख से गंगा सागर तक गंगा नदी है और इसने मिलने वाली सभी नदियां अपना अस्तित्व खोकर गंगा ही बन जाती है।दरअसल पंपलेट मे देव प्रयाग मे भागीरथी और अलकनंदा के संगम के बाद इसे गंगा बताया गया है।
गंगोत्री के  बुजुर्ग तीर्थ पुरोहित विधा दत्त सेमवाल ने शंकराश्चर्य द्वारा रचित श्लोक का अर्थ समझते हुए बताया कि उन्होने भागीरथी और गंगा मे कभी भी कोई भेद नहीं किया। स्कन्द पुराण का जिक्र करते हुए तीर्थ पुरोहित कहते हैं कि बद्रीनाथ की  स्थापना शंकराश्चार्य द्वारा आठवीं शताब्दी मे ( 1200 वर्ष पूर्व ) की गयी थी जबकि केदार नाथ की स्थापना महाभारत काल मे जिसका इतिहास 5 हजार साल पुराना है, मे हुई थी।जबकि गंगोत्री की स्थापना सनातन काल से है। उन्होने बताया कि राम त्रेता युग मे पैदा हुए थे और उनकी पीढ़ी से भी सात पीढ़ी पूर्व राजा भागीरथ ने स्वर्ग से गंगा को धरती पर जहां  उतारा, वह स्थान गंगोत्री कहलाया था। किन्तु आज के विचारक इसे भागीरथी नाम देकर भेद पैदा कर गंगोत्री की उपेक्षा कर रहे हैं।उन्होने सवाल किया कि ब्रह्मा के कमंडल से निकलने वाली धारा क्या थी क्या वह भागीरथी थी या गंगा थी ?
बताते चलें कि इससे पूर्व पिछले वर्ष भी इसी तरह की घटना पर पर मंदिर समिति और तीर्थ पुरोहितों ने अपनी नाराजगी प्रकट की थी किन्तु  इस बार फिर से पुरानी वाली गलती दुहराई गयी है।
पर्वतजन संवाददाता ने जब गंगोत्री धाम मे नमामि गंगे के कार्यक्रम मे गंगोत्री पहुंचे काबीना मंत्री अरविंद पांडे से इस पर सवाल किया तो उन्होने अपनी सरकार की तरफ से हुई गलती स्वीकार करते हुए माफी मांगी , साथ ही फिर से ऐसी गलती नहीं दुहराने की भी बात कही है।

Previous Post

हाइकोर्ट ने दिए महिला तकनीकि संस्थान मे तालाबंदी हटाने के आदेश

Next Post

कैबिनेट मंत्री का पति किडनी चोर!!

Next Post

कैबिनेट मंत्री का पति किडनी चोर!!

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *






पर्वतजन पिछले २3 सालों से उत्तराखंड के हर एक बड़े मुद्दे को खबरों के माध्यम से आप तक पहुँचाता आ रहा हैं |  पर्वतजन हर रोज ब्रेकिंग खबरों को सबसे पहले आप तक पहुंचाता हैं | पर्वतजन वो दिखाता हैं जो दूसरे छुपाना चाहते हैं | अपना प्यार और साथ बनाये रखिए |
  • बिग ब्रेकिंग: कैबिनेट के महत्वपूर्ण फैसले ..
  • हाईकोर्ट सख्त: नाबालिग से दुष्कर्म मामले में सोशल मीडिया ट्रोलिंग पर SSP से मांगी रिपोर्ट। अभद्र पोस्टों की जांच के निर्देश..
  • बड़ी खबर : गोल्डन कार्ड धारकों की परेशानी जल्द होगी दूर। स्वस्थ मंत्री ने दिए सख्त निर्देश..
  • अपराध : तमंचे के बल पर नाबालिग से दुष्कर्म। आरोपी गिरफ्तार ..
  • हाइकोर्ट न्यूज: हेलीकॉप्टर लीज घोटाले में 9.5 लाख रुपये लौटाने का आदेश..
  • Highcourt
  • उत्तराखंड
  • ऋृण
  • निवेश
  • पर्वतजन
  • मौसम
  • वेल्थ
  • सरकारी नौकरी
  • हेल्थ
May 2025
M T W T F S S
 1234
567891011
12131415161718
19202122232425
262728293031  
« Apr    

© 2022 - all right reserved for Parvatjan designed by Ashwani Rajput.

No Result
View All Result
  • Home
  • उत्तराखंड
  • सरकारी नौकरी
  • सरकारी योजनाएं
  • इनश्योरेंस
  • निवेश
  • ऋृण
  • आधार कार्ड
  • हेल्थ
  • मौसम

© 2022 - all right reserved for Parvatjan designed by Ashwani Rajput.

error: Content is protected !!