भूपेन्द्र कुमार
बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले में एसआईटी ने जनजाति आयोग के उप निदेशक अनुराग शंखधर को गिरफ्तार कर लिया है। अनुराग शंखधर पर हरिद्वार का जिला समाज कल्याण अधिकारी रहने के दौरान नियमों के विपरीत शिक्षण संस्थाओं को सीधे छात्रवृत्ति की रकम ट्रांसफर करने और विद्यार्थियों का सत्यापन न कराने के आरोप हैं।
एसआईटी ने पूरे दिन भर पूछताछ के बाद देर शाम उन्हें गिरफ्तार कर लिया। उनसे कुल 53 सवाल पूछे गए, जिनका वे संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए।
एसआईटी प्रभारी मंजूनाथ टीसी ने बताया कि अनुराग शंखधर को धारा 420, 409, 120 बी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत गिरफ्तार किया गया है। आज उन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा।
गौरतलब है कि अनुराग शंखधर इससे पहले देहरादून के समाज कल्याण अधिकारी के पद पर तैनात थे और 3 महीने पहले ही अपने मूल विभाग जनजाति कल्याण विभाग में लौटे थे।
जब एसआईटी ने उन पर शिकंजा कसा क्यों वह लंबी छुट्टी चले गए थे। छुट्टी खत्म होने के बाद भी जब वह काम पर नहीं लौटे तो विभाग ने उनके निलंबन की तैयारी शुरू कर दी थी, लिहाजा वह 15 मई को विभाग में उपस्थित हुए थे और 16 मई को एसआईटी के समक्ष पेश हुए थे जहां उन्हें लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया। अनुराग शंखधर के खिलाफ इससे पहले भी कई शिकायतें हुई थी और कार्यवाही की संस्तुतियां भी हुई थी लेकिन उन पर कोई कार्यवाही नहीं हुई थी। एसआईटी प्रभारी मंजूनाथ टीसी बताते हैं कि वर्ष 2012 से 2014 तक हरिद्वार में जिला समाज कल्याण अधिकारी रहने के दौरान शंखधर ने कॉलेजों के साथ मिलीभगत करके छात्रवृत्ति की रकम ठिकाने लगाई थी।