प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट ‘स्वच्छ भारत अभियान’ को पलीता लगाते हुए देखना है तो देहरादून नगर निगम के वार्ड 66 रायपुर का आप भी रुख कर आइए।
जी हां, रायपुर क्षेत्र में करीब चार वर्ष पूर्व सुलभ इंटरनेशनल के तहत मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) द्वारा एक शौचालय का निर्माण कराया गया था। इससे स्थानीय लोगों को उम्मीद थी कि अब उनकी समस्या का समाधान हो जाएगा, लेकिन ताज्जुब यह है कि आज चार साल गुजर जाने के बाद भी यह सुलभ शौचालय नहीं खुल पाया है। हाल यह है कि शौचालय के आस-पास कूड़ा-करकट बिखरा हुआ है और इस शौचालय की सुध लेने वाला कोई नहीं है।
इसके लिए क्षेत्रवासी एमडीडीए की लापरवाही और सुस्त कार्यशैली को जिम्मेदार मानते हैं। क्षेत्रवासियों का कहना है कि जब शौचालय का निर्माण हो गया था तो स्थानीय लोगों ने एमडीडीए के संबंधित कर्मचारियों से शौचालय की चाबी मांगी, जिस पर एमडीडीए कर्मचारियों ने चुप्पी साध ली और मौके से खिसक गए। यही कारण है कि इतने समय बाद भी क्षेत्रवासियों की परेशानी जस की तस बनी हुई है।
रायपुर वार्ड के क्षेत्रवासी बताते हैं कि केंद्र में मोदी सरकार है और उत्तराखंड में भी भाजपा की सरकार है। अभी हाल ही में निकाय चुनाव में भी रायपुर वार्ड से भाजपा के प्रत्याशी ही जीतकर स्थानीय पार्षद बन गए हैं, लेकिन डबल इंजनराज में पीएम मोदी के सपने को पलीता लगाया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है।
स्थानीय क्षेत्रवासी बताते हैं कि क्षेत्र में सार्वजनिक शौचालय की वजह से लोगों को भारी समस्या का सामना करना पड़ता है। इस संबंध में संबंधित अधिकारियों से कई बार बात की गई, किंतु इस मामले में कुछ कहने को तैयार नहीं हैं।
इस संबंध में पर्वतजन ने रायपुर वार्ड के पार्षद कपिलधर से बात की तो उनका कहना था कि मैं अभी हाल ही में निर्वाचित हुआ हूं। इससे पहले यहां ग्रामसभा थी और यहां के राजेश कुमार ग्राम प्रधान थे। उनके समय में इस शौचालय का उद्घाटन नहीं हो पाया। मैं इसको खुलवाने का प्रयास कर रहा हूं। कल इस संबंध में मैं एमडीडीए से बात करूंगा, ताकि यह शौचालय जल्द से जल्द खुल सके और जनसमस्या का निस्तारण हो सके।
बहरहाल, अब देखना यह है कि भाजपा के नव निर्वाचित पार्षद कपिल धर रायपुर वार्ड के क्षेत्रवासियों के लिए इस शौचालय को कब तक खुलवा पाते हैं।