कमल जगाती, नैनीताल
उत्तराखण्ड के किच्छा तहसील स्थित सरकारी जमीन से बेशकीमती शीशम और शागोन के दर्जनों पेड़ कटे होने का सबूत हमारे कैमरे में कैद हुआ है । वन विभाग के उच्चाधिकारियों का कहना है कि जांच की जा रही है और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा ।
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उधम सिंह नगर जिले के किच्छा की सरकारी भूमि में लगभग 50 लाख रुपये कीमत के शीशम और शागुन के वयस्क पेड़ कटे हुए दिखने के बाद क्षेत्र में सनसनी फैल गई । जनाकारी के अनुसार जिला मुख्यालय से महज 15 किमी दूर स्थित खुर्पिया फार्म की सरकारी भूमि पर लगे दर्जनों पेडों पर लकड़ी तस्करों ने आरी चला दी । इस घटना की अभी तक किसी को भनक नहीं लगी है । मीडिया में मामला आने के बाद पूरे क्षेत्र में हंगामा सा मच गया है । तस्करों की इस हरकत की वन विभाग, राजस्व विभाग और न ही पुलिस को भनक लग सकी। इससे सरकार को लाखों रूपये के राजस्व का चूना लग गया है। बताया जा रहा है की पिछले छह महीनों में तस्करों ने फार्म से लगभग साढे चार दर्जन सागौन और शीशम के पेडों पर आरी चलाकर कर जंगल साफ कर दिए हैं । आलीशान फर्नीचर बनाने में काम आने वाली इस महंगी लकड़ी को काटकर अब ले जाने की तैयारी चल रही थी ।
बीते दिनों पौड़ी के यमकेश्वर में भी इसी तरह वन माफियाओं ने चंद पेड़ काटने की अनुमति के आधार पर 240 से अधिक पेड़ काट दिए थे । अब इस मसले पर राजस्व विभाग से जुड़ा कोई भी सरकारी अधिकारी बोलने से बच रहा है जबकी इस क्षेत्र के वन संरक्षक पराग मधुकर धकाते का कहना है की जानकारी आने के बाद प्रभागीय वनाधिकारी तराई वन प्रभाग को जांच सौंपी गई है और आरोप सही पाए जाने पर वन अधिनियम के अंतर्गत कार्यवाही की जाएगी ।