‘सौभाग्य’ से दूर होगा अंधेरा। दुर्भाग्य का बैनर लेकर पोखरी गांव के ग्रामीणों ने जताया विरोध। समय पर नहीं पहुंचे मुख्य अतिथि 1 घंटे देरी से शुरू हुआ सौभाग्य।
गिरीश गैरोला
देशभर में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा अंधेरा दूर करने के लिए चलाई गई योजना सौभाग्य के शुभारंभ के बाद शुक्रवार को उत्तराखंड प्रदेश में भी सभी जनपदों में भी इस योजना का विधिवत शुभारंभ हो गया। सभी जनपदों में प्रभारी मंत्रियों के द्वारा योजना का शुभारंभ किया जाना था किंतु उत्तरकाशी के प्रभारी मंत्री मदन कौशिक राजधानी देहरादून के भी प्रभारी होने के चलते पहाड़ नहीं चढ़ सके। लिहाजा गंगोत्री विधायक गोपाल सिंह रावत को यह कमान दी गई, किंतु मुख्य अतिथि के देर से पहुंचने के चलते कार्यक्रम 1 घंटे देर से शुरू हो सका।
पुरे देश में सभी घरों में उजाला करने की पीएम मोदी की पहल के बाद सभी बीपीएल कार्ड धारकों को बिना जमानत राशि के बिजली का कनेक्शन मिलेगा वही APLको भी मामूली 500 रु की धनराशि 10 आसान किस्तो में बिल के साथ जमा करने का प्रविधान किया गया है।
उत्तरकाशी जनपद मे गंगोत्री विधायक गोपाल सिंह रावत और डीएम उत्तरकाशी डॉ आशीष कुमार चौहान ने विधिवत सौभाग्य योजना का शुभारंभ किया । विभाग के अधीक्षण अभियंता डी एस खाती ने बताया कि BPL कार्ड धारकों को बिना जमानत राशि के विद्युत संयोजन दिलाया जाएगा। वहीं एपीएल धारकों को भी महज ₹500 की न्यूनतम धनराशि किस्तो में जमाकर विद्युत कनेक्शन दिया जाएगा।
बीपीएल धारकों को बिजली का बिल आने पर यह धनराशि 10 आसान आसान किस्तों में भुगतान करने की सुविधा दी जाएगी । विभाग के अधिशासी अभियंता गौरव सकलानी ने बताया कि शुभारंभ के मौके पर पहले दिन गंगोत्री विधायक गोपाल सिंह रावत ने 27 BPL उपभोक्ताओं को कनेक्शन दिए जाने के सर्टिफिकेट वितरित किए। इसके अलावा 89 एपीएल के विद्युत कनेक्शन के लिए रजिस्ट्रेशन मौके पर किए गए । अभी तक उपभोक्ताओं से ₹400 प्रति किलो वाट की दर से संयोजन चार्ज और ₹3000 प्रति 10 मीटर ओवर हेड लाइन चार्ज जोड़ा जाता रहा है । इसके अलावा जिन उपभोक्ताओं के घर पर तक बिजली के खंबे नहीं पहुंचाए गए हैं, वहां सरकार अपने खर्चे पर बिजली के खंबे पहुंचाने का काम करेगी। उन्होंने बताया इस वर्ष जनपद में 36341 उपभोक्ताओं को बिजली के कनेक्शन दिसंबर 2018 तक दिए जाने का टारगेट हैं।
गौरतलब है कि जनपद में दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण ज्योति योजना के अंतर्गत कई गांवों को इस वर्ष विद्युत से जोड़ा गया है। इन उपभोक्ताओं को भी इस योजना का लाभ मिलेगा। उपभोक्ताओं को एक साधारण फॉर्म के साथ अपनी ID जमा करनी है जिसके लिए विभाग द्वारा समय – समय पर कैम्प भी आयोजित किए जाएंगे ये फार्म सब डिवीजन अथवा डिवीजन ऑफिस में भी जमा किये जा सकते है।
सौभाग्य की इस योजना के दौरान पोखरी गांव के ग्रामीणों ने दुर्भाग्य की तख्तियां लगाकर अपना विरोध जताया। गौरतलब है डांग और पोखरी के ग्रामीण सड़क निर्माण के विवाद को लेकर धरने पर बैठे हैं ।पोखरी गांव के ग्रामीणों की मांग है कि उनके गांव को भी सड़क मार्ग से जोड़ा जाए, जिसमें डांग के ग्रामीण पर्यावरण का हवाला देते हुए विरोध कर रहे हैं, और उनके द्वारा बनाई गयी सड़क को ही उपयोग में लाने की बात कर रहे हैं।
प्रदेश भर में सौभाग्य योजना के शुभारंभ की खास बातें
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत एवं केन्द्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री आर.के. सिंह ने शुक्रवार को पवैलियन ग्राउण्ड में संयुक्त रूप से विद्युत से वंचित घरों को विद्युतीकृत करने हेतु ‘‘सौभाग्य‘‘ प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना का राज्य स्तरीय शुभारम्भ किया। इस योजना का एक साथ राज्य के सभी जिलों में भी शुभारम्भ किया गया। ‘‘सौभाग्य‘‘ योजना के अन्तर्गत पहले दिन प्रदेशभर में 10400 घरों को बिजली के कनेक्शन दिये गए। शुक्रवार को मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम में 1235 घरों को विद्युत कनेक्शन दिये गए। मुख्यमंत्री और केन्द्रीय मंत्री ने लाभार्थियों को संयोजन पत्र वितरित कर योजना का उद्घाटन किया।
अप्रैल माह तक हर गांव को बिजली: मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि राज्य के विद्युत से वंचित परिवारों को विद्युत कनेक्शन उपलब्ध कराने के लिए आज इस योजना का शुभारम्भ किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली पहुंचने का मतलब सिर्फ रोशनी नहीं है। आज के आधुनिक युग में जब देश डिजिटल हो रहा है। इंसान तकनीक पर निर्भर होता जा रहा है। हमारे सभी उपकरण बिजली पर ही निर्भर हैं, ऐसे में गरीब घरों में प्रकाश पहुंचाने की पहल बहुत महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि इस महत्वपूर्ण योजना से उन सभी परिवारों के जीवन में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन आएगा, जो परिवार अब तक बिजली से वंचित थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले एक साल में ऐसे 46 गांवों को बिजली पहुंचाई गई है, जहां अभी तक बिजली नहीं थी। अभी राज्य में 26 गांव ऐसे हैं जहां बिजली पहुंचाना बाकी है। उन्होंने कहा कि अप्रैल माह तक हर गांव तक बिजली पहुंचा दी जाएगी।
अप्रैल 2019 तक 4 करोड़ घरों को बिजली: केन्द्रीय मंत्री
केंद्रीय ऊर्जा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) आर के सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के हर घर को बिजली के सपने को साकार करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। शुरुआत में 18452 गांव बिजली से वंचित थे। आज मात्र 861 गांव बिजली से वंचित हैं। उन्होंने कहा कि अप्रैल माह तक इन सभी गांवों का विद्युतीकरण कर दिया जाएगा। केन्द्रीय राज्य मंत्री सिंह ने कहा कि 1 अप्रैल 2019 से पूर्व 4 करोड़ घरों में बिजली पहुँचाने का लक्ष्य रखा गया है। अभी तक लगभग 32 लाख विद्युत वंचित घरों में बिजली पहुँचा दी गई है।
केन्द्रीय मंत्री ने उत्तराखण्ड की भूरि-भूरि प्रशंसा की
केन्द्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत और उत्तराखण्ड सरकार की भूरि-भूरि प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री राज्य हित की परियोजनाओं की केन्द्र सरकार में लगातार प्रभावी पैरवी करते हैं। हर कार्य को फाॅलो करते हैं। ऐसे में राज्य सरकार का कोई काम केन्द्र स्तर पर नहीं रूक सकता। उत्तराखण्ड में बिजली विभाग के कार्य की प्रशंसा भी की। उन्होंने कहा कि राज्य में बिजली की उपलब्धता बढ़ी है। राज्य मे बिजली के क्षेत्र में जो सुधार पिछले एक वर्ष में हुआ है, वह अन्य राज्यों में नहीं दिखता है। ऊर्जा विभाग ने अपना घाटा दूर किया है। लगभग 200 करोड़ की आय भी अर्जित की है। राज्य ने ग्रामीण विद्युतीकरण में अच्छी तरक्की की है। केंद्रीय मंत्री ने आश्वासन दिया कि राज्य के विकास में हर संभव सहायता दी जाएगी।
सचिव ऊर्जा राधिका झा ने कहा कि सौभाग्य योजना प्रदेशभर में एक साथ लांच की गई है। प्रदेश के सभी जिलों में प्रभारी मंत्रियों द्वारा इस योजना का शुभारंभ किया गया है। उन्होंने बताया कि पिछले 1 वर्ष में 46 गांवों को विद्युतीकृत किया गया है। मार्च माह तक बाकी बचे 26 गांवों को भी विद्युतीकृत कर दिया जाएगा। सचिव झा ने बताया कि राज्य में 3,52,625 परिवार विद्युत से वंचित हैं। इसमें से 95,577 परिवारों को दीनदयाल उपाध्याय योजना से विद्युत आपूर्ति की जाएगी साथ ही शेष बचे 2,57,048 परिवारों को ‘‘सौभाग्य‘‘ योजना के अंतर्गत विद्युतीकृत किया जाएगा। उत्तराखण्ड राज्य के दूर-दराज के क्षेत्रों में, जहां अपरिहार्य कारणों से लाईन बनाना संभव नहीं है, घरों को सौर ऊर्जा से संयोजन प्रदान किया जायेगा, जिसके लिये लगभग रू. 50,000 प्रति घर व्यय होगा। ऐसे संयोजनों की संख्या लगभग 9,128 है।
सचिव श्रीमती झा ने बताया कि ‘‘सौभाग्य‘‘ योजना के अन्तर्गत ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों के समस्त विद्युत से वंचित घरों को विद्युत संयोजन निर्गत किये जाने का लक्ष्य मार्च, 2019 है। इस योजना के तहत 9 वाट का एल.ई.डी. बल्ब, एक होल्डर, एक एम.सी.बी., एक साॅकेट, दो स्विच, 10 फीट पी.वी.सी. पाइप, 10 फीट पी.वी.सी. वायर, मीटर तक लगने वाली केबल एवं बिजली के पोल व ट्रांसफार्मर, जहां पर आवश्यकता हो, निशुल्क दिये जा रहे हैं, ताकि देवभूमि के समस्त निवासियों के जीवन स्तर में सुधार हो सके।
इस अवसर पर राज्य मंत्री श्रीमती रेखा आर्य, सांसद राज्य लक्ष्मी शाह, विधायकगण, एवं अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।