देहरादून के प्रेस क्लब में आज सोशल मीडिया एक्टिविस्ट सुभाष शर्मा ने एक बार फिर से मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की पत्नी के शैक्षिक प्रमाण पत्रों की सत्यता पर प्रश्नचिन्ह लगाए। साथ ही उन्होंने डीआईजी को इस बात के लिए एक आवेदन पत्र भी सौंपा कि शिक्षकों की डिग्रियों की जांच करने वाली एसआईटी को मुख्यमंत्री की पत्नी के शैक्षिक दस्तावेजों के सत्यापन का भी कार्य सौंपा जाना चाहिए।
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सुभाष शर्मा विगत लंबे समय से मुख्यमंत्री की पत्नी की शैक्षिक दस्तावेजों की जांच कराने की मांग कर रहे हैं। सुभाष शर्मा ने पहले आरटीआई में मुख्यमंत्री की पत्नी सुनीता रावत के शैक्षणिक दस्तावेजों की जानकारी मांगी थी, किंतु लोक सूचना अधिकारी ने इन्हें व्यक्तिगत सूचना यह बताते हुए देने से इंकार कर दिया।
सुभाष शर्मा ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के इसी तरह के एक फैसले का हवाला देते हुए बताया कि जिन दस्तावेजों के आधार पर कर्मचारी की नौकरी लगती है, उन दस्तावेजों को देने से सूचना के अधिकार में इनकार नहीं किया जा सकता।
सुभाष शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री की पत्नी सुनीता रावत मात्र हाईस्कूल पास हैं और उन्होंने इंटरमीडिएट के समकक्ष की डिग्री उत्तर मध्यमा हासिल की हुई है। उत्तर मध्यमा इंटरमीडिएट के समकक्ष जरूर मानी जाती है लेकिन यह डिग्री नौकरी हासिल करने के लिए योग्य नहीं मानी जाती।