इससे पहले कि सभी चुनाव परिणाम आ जाते, एक तरफ राहुल गांधी ने हार की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफे की पेशकश कर दी है तो वहीं दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी लोगों से अपने नाम के आगे लगा चौकीदार शब्द हटा लेने को कहा है। संभवतः चौकीदार शब्द की उपयोगिता चुनाव परिणाम आने तक ही थी। गौरतलब है कि राहुल गांधी ने चुनाव अभियान के दौरान नरेंद्र मोदी को “चौकीदार चोर है” का नारा दिया था तो नरेंद्र मोदी ने पलटवार करते हुए इस आरोप को पलटते हुए “मैं भी चौकीदार” को ही अपना प्रमुख चुनावी हथियार बना दिया था।
बहरहाल कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने चुनाव में करारी हार की जिम्मेदारी लेते हुए सभी नतीजे आने से पहले इस्तीफे की पेशकश की है।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने यूपीएस अध्यक्ष सोनिया गांधी से कहा कि वह हार के लिए खुद को जिम्मेदार समझती थी। इस्तीफा देना चाहते हैं। हालांकि अभी उन्होंने सिर्फ अपनी राय जाहिर की है, लिखित में कोई इस्तीफा नहीं लिखा है और ना ही यह किसी भी रूप में स्वीकार किया गया है।
राहुल गांधी का यह कदम एक अप्रत्याशित कदम माना जा रहा है। इस पेशकश से बमुश्किल 10 मिनट पहले राहुल गांधी ने दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए अपनी हार स्वीकार करते हुए चुनाव लड़ने वाले सभी कांग्रेस प्रत्याशियों को मेहनत के लिए शाबाशी देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी बधाई दी। साथ ही कहा कि वह भी अभी हार की समीक्षा करेंगे।
आज दिन में 12:00 बजे राहुल गांधी की सोनिया गांधी से एक संक्षिप्त मुलाकात हुई थी, जिसमें संभवतः चुनावी नतीजों को लेकर बात जरूर हुई होगी, उसी का परिणाम रहा कि राहुल गांधी ने इस्तीफे की पेशकश की।
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार राहुल गांधी का यह कदम एक मैच्योर कदम माना जा रहा है। विश्लेषकों का मानना है कि राहुल आलोचनाओं से बचने के लिए सहानुभूति का रास्ता अख्तियार करने की रणनीति अपना रहे हैं।