गिरीश गैरोला
उत्तरकाशी के विश्वनाथ चौक में अतिक्रमण हटाने में नियम कानून का पालन न करते हुए जल्दबाजी में दुकाने तोड़े जाने को लेकर पालिका इओ और प्रशासक पर बरसते हुए डीएम ने मौके पर पीड़ितों की जमकर वाह- वाही तो लूट ली किंतु इस भारी गलती की भरपाई के लिए पीड़ितों को कोई राहत नही दी। बल्कि उनको उनके ही हाल पर छोड़ दिया। आलम ये है कि सुबह दिन निकलते ही पीड़ित चौक पर बरसाती तान कर धरना दे रहे है जिसे सुनने का समय न तो सरकार के प्रतिनिधियी को है और न अधिकारियों को। अतिक्रमण हटाने को लेकर नियम कानून के पालन करने की बिंदुवार समीक्षा सुनने के बाद भी रात के समय पुलिस अथवा राजस्व कर्मियों ने धरना स्थल पर पीड़ितों के प्लास्टिक पन्नी- बांस के डंडे समेत पीड़ितों का तंबू उखाड़ फेंका।
गौरतलब है कि अतिक्रमण हटाने को लेकर दोहरे मानक अपनाए जाने के खिलाफ पीड़ित बाबा विश्वनाथ मंदिर के सामने धरना दे रहे थे कि अगले दिन गुरुवार सुबह 6 बजे ही पेंटर धरना स्थल पर ठेलि फड़ी लगाने पर 5 हजार के जुर्माने की सूचना लिख रहा था। कानूनन अतिक्रमण हटाये जाने का तरीका जायज था या नही इसकी रिपोर्ट आने तक यथा स्थिति बनी रहनी चाहिए थी किन्तु बिना कोई फैसला आये ही इस पर जुर्माने की चेतवानी लिख दी गयी तो क्या ये एक तरफा फैसला नही? क्या इसके लिए संबंधित पर कोई कार्यवाही होगी?
अतिक्रमण हटाने के नाम पर अचानक यु टर्न लेने को लेकर बाजार में चर्चाओं का दौर गर्म है, न सिर्फ व्यापारियों में बल्कि कर्मचारियों और राजनैतिक लोगो मे भी इस पर अपनी अपने तर्क पेश कर रहे है। हर बार डुगडुगी पीटकर अतिक्रमण हटाने के नाम पर विश्वनाथ चौक में नौटंकी करने वाले पालिका का बोर्ड भंग होने के बाद बदला हुआ मिजाज देखकर उम्मीद की जा रही थी कि पूरे बाजार से अतिक्रमण हटाया जाएगा, किन्तु शब्जी मंडी के पास जाते ही अभियान की बिना पंचर के ही हवा लीक हो गयी। ओंम ग्रुप के अमरिकन पूरी ने बिना लाग लपेट के अभियान का साथ इस उम्मीद के साथ दिया था कि जिला अस्पताल में एम्बुलेंस पहुचने के साथ बाजार में भी फायर सर्विस को निकलने लायक स्थान मिलेगा। इसके लोए अपने लोगो की नाराजी मोल लेकर भी उन्हें अपने व्यापारिक प्रतिष्ठान तोड़ने को राजी किया किन्तु हर बार यही पर अभियान के दम तोड़ने के बाद उन्होंने भी अंत समय तक पीड़ितों को न्याय दिलाने की कसम खा ली। उन्होंने बताया कि इस स्थान पर भी पालिका व्यापारियों से 50 हजार रु लेकर स्थायी दुकान देने की बात क्यों नही करती है। उन्होंने कहा कि जिस स्थान पर उनके लिए व्यवस्था करने की बात कही गयी है वहाँ व्यापार नही चल सकता है लिहाजा अतिक्रमण हटाने को लेकर दोहरे मापदंड अपनाए जाने के विरोध में 16 जून को छात्रों ,स्थानीय लोगो और व्यापार मंडल के साथ मिलकर बाजार बंद करते हुए विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
इस संदर्भ में पूर्व विधायक विजयपाल सजवाण ने बताया कि बिना वैकल्पिक व्यवस्था के लोगो की दुकाने नही तोड़ी जानी चाहिए थी। गंगोत्री विधायक गोपाल रॉवत से फोन पर भी संपर्क नही होने से उनकी मत नही जाना जा सका। पालिका चुनाव कुछ आगे खिसक जाने के चलते दावेदार भी मामले से खिसकते हुए दिख रहे है। उफ्फ कब तक चलेगा ये वोट बैंक का डरावना गणित।