उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में 16 फरवरी की रात को भीषण अग्निकांड में तबाह हुए सावणी गांव के 46 परिवारों के मातम की खबरें जब अखबारों की सुर्खियों से धूमिल पड़ रही थी तो देहरादून के कुछ लोगों के दिलों में उनकी मदद का जज्बा परवान चढ रहा था।
देहरादून की सामाजिक कार्यकर्ता सावी वर्मा ने Facebook और WhatsApp के माध्यम से अपने परिचितों को सावणी गांव के लोगों की मदद करने के लिए अपील की।
देखते ही देखते देहरादून के काफी लोग एकजुट हो गए और सोशल मीडिया पर ही “सर्वहितकारी समाजसेवा” नाम से एक कैंपेन चलाकर अग्निकांड से पीड़ित परिवारों के लिए राहत सामग्री, सहयोग राशि और कुछ टीन की चद्दर इकट्ठी करने का काम शुरु हो गया।
देहरादून के ही मंगला देवी इंटर कॉलेज के दो कमरों मे राहत सामग्री इकट्ठी करने के लिए राहत कैंप बना दिया गया और 19 से 27 फरवरी तक 1 सप्ताह में जितनी भी राहत सामग्री इकट्ठी हो पाई, उसे लेकर 28 फरवरी को सावी वर्मा, सतीश कंसल और शुभम जोशी एक ट्रक में भरकर अनदेखे अनजान रास्ते पर निकल पड़े।
सड़कों की हालत इतनी खराब थी कि किसी आसपास के व्यक्ति ने भी उनके साथ जाने से मना कर दिया। ऐसे में उनकी सहायता के लिए एडीजी अशोक कुमार ने एसडीआरएफ की कमांडेंट रिद्धिमा अग्रवाल को निर्देशित किया और उनकी सहायता के लिए मौके पर एसडीआरएफ की टीम उपलब्ध हो गई। यह वही टीम थी, जिसने अर्द्धरात्रि को आग्नि कांड के दौरान ग्रामीणों के लिए जान जोखिम में डालकर आग बुझाई और टेंट तथा कुछ राहत सामग्री तत्काल उपलब्ध कराई थी। जखोल गांव से 7 किलोमीटर की पैदल खड़ी चढ़ाई पर स्थित इस गांव के लोग इस टीम को देखते ही खुश हो गए और अग्नि पीड़ितों के चेहरे पर जो खुशी इन लोगों ने देखी उसके कारण उनकी सारी थकान खत्म हो गई।
जितनी भी राहत सामग्री इकट्ठी हुई थी, वह सब उन्होंने जखोल गांव के मिनी सचिवालय में ढेर लगा कर रख दिया और सभी से अपील की कि जिसको जितनी जरूरत हो उतना सामान ले ले और साइज के हिसाब से जो भी कपड़ा उन्हें पसंद आए वह ले ले। गांव वालों ने जी भर कर अपनी जरूरत का सामान ले लिया फिर भी इतना सामान बच गया कि टीम ने सांवणी गांव के बाद जखोल गांव के प्रधान सूरत रावत से निवेदन किया कि इस गांव में भी जितने गरीब परिवार हैं, उसमें कपड़ों का वितरण उनकी आवश्यकता अनुसार कर दिया जाए।
इस टीम में सावी वर्मा, सतीश कंसल, शुभम जोशी, अभिषेक बोहरा और सुरेंद्र कुमार सहगल शामिल थे। सभी ने राहत सामग्री उपलब्ध कराने वाले आम लोगों, कर्मचारियों सहित टिन शेड उपलब्ध कराने वाले संजय भाटी, सरदार देवेंद्र सिंह, सरदार भूपेंद्र सिंह, ढींगरा इलेक्ट्रिक (पलटन मार्केट) तथा जितेंद्र सहगल आदि का आभार तो व्यक्त किया ही साथ ही एसडीआरएफ की टीम के जगदीश पंत सहित आशीष डिमरी, देवेंद्र सिंह, अनुसूया प्रसाद, बलवंत सिंह, गजेंद्र, रजनीश पुनीत और गौतम चंद्र का भी इस अभियान में और राहत सामग्री को गांव तक पहुंचाने में और व्यवस्थित ढंग से वितरित करवाने के लिए आभार व्यक्त किया है। साथ ही अपने ड्राइवर का भी आभार व्यक्त करना नहीं भूले।
उत्तराखंड के किसी भी हिस्से में कभी भी किसी भी प्रकार की आपदा आ सकती है। आपदाएं और बुरे दिन बताकर नहीं आते। ऐसे माहौल में यदि अन्य हिस्सों में आरामदायक जीवन जी रहे कुछ लोग इस तरह से स्वतः स्पूर्त प्रयास करके पीड़ितों की मदद को आगे आएं तो उनके दुखों का कुछ कम तो बंट ही सकता है। इस टीम के प्रयास के लिए पर्वतजन भी सबको बधाई देता है।