उत्तराखंड में भाजपा संगठन महामंत्री संजय कुमार पर यौन उत्पीड़न का बवाल अभी थमा भी नहीं है कि सचिवालय के एक अफसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत की विधानसभा डोईवाला बाजार की एक लड़की ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए दिल्ली के भाजपा संगठन के एक शीर्ष नेता से सख्त कार्यवाही करने की मांग की है।
जब पर्वतजन ने दिल्ली के इस शीर्ष नेता से इस विषय पर जानना चाहा तो उन्होंने फोन नहीं उठाया और ना ही व्हाट्सएप मैसेज का कोई जवाब अभी तक दिया है।
गौरतलब है कि पिछले दिनों यह युवती अपनी एक अन्य सहेली के साथ दिल्ली में भाजपा संगठन के एक शीर्ष नेता से मिली और उसे लिखित में अपनी शिकायत दर्ज कराई।
युवती की शिकायत
डोईवाला की इस युवती ने इस अफसर पर आरोप लगाया है कि अफसर ने मुख्यमंत्री से जुड़े होने का हवाला देते हुए कहा था कि वह उनकी नौकरी सचिवालय में लगा देंगे।
युवती ने अपने पत्र में यह भी जिक्र किया है कि अफसर उसको सचिवालय में अपने कक्ष में भी ले गया था, इसके अलावा यह अफसर युवती को हल्द्वानी स्थित अपने आलीशान बंगले में ले गया था और नैनीताल,मसूरी सहित कई गेस्ट हाउसों में भी ले गया और नौकरी का लालच देते रहा। लेकिन नौकरी सचिवालय में नहीं लग पाई।
युवती ने कहा कि यह अफसर उनका 2 साल से यौन शोषण कर रहा है। यही नहीं युवती ने यह भी पत्र में जिक्र किया है कि उक्त अफसर उसे अपने सहस्रधारा रोड स्थित फार्म हाउस में ले गया था जो 5 बीघा जमीन में बना हुआ है।
युवती का कहना है कि उसे उक्त अफसर ने शादी का झांसा देते हुए कहा था कि उसकी शादी नहीं हुई है और वह बूढ़ा हो गया है। इसलिए वह शादी कर लेगा। साथ ही उसने उसे अपने दूधली वाले फार्म हाउस पर भी बुलाकर रेप किया।
ऐसी कई बातें लिखती है। युवती ने उसमें यह भी लिखा है कि अब यह अफसर उसे तथा उसके परिवार वालों को जान से मारने की धमकी दे रहा है। युवती ने उक्त अफसर के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने के लिए लिखा है।
युवती ने जिस तरह से पत्र लिखा है और जिस तरह से वह पुलिस के पास में न जाकर भाजपा के दिल्ली स्थित शीर्ष सांगठनिक नेताओं से मिली है, कुछ कुछ ऐसा ही संजय कुमार वाले प्रकरण में भी हुआ है। संजय कुमार वाले प्रकरण में भी पीड़िता पहले पुलिस के पास न जाकर भाजपा के संगठन से जुड़े नेताओं के पास अपनी शिकायत लेकर गई थी।
आने वाले समय में इस युवती की अफसर के साथ ऑडियो रिकॉर्डिंग और क्लिपिंग्स भी सामने आ सकती हैं।
जिस अंदाज में यह घटना सामने आई है, उससे ऐसा आभास भी होता है कि भाजपा के अंदर दो परस्पर विरोधी खेमे एक दूसरे के साथ विष कन्याओं के माध्यम से शहः मात का खेल खेलने में लगे हुए हैं। यदि वाकई युवती के साथ घटी इस घटना में कुछ सच्चाई है तो आने वाले समय में संजय कुमार और इस अफसर से संबंधित प्रकरण में भाजपा के कुछ बड़े नेताओं की भी और बलि चढ़ सकती है।
यदि ऐसा हुआ तो अब तक भले ही संजय कुमार प्रकरण का साया निकाय चुनाव तक सीमित रहा हो लेकिन यदि यह मामला बढ़ा तो इसका प्रभाव लोकसभा चुनाव पर भी पड़ सकता है।