निकाय चुनाव में विभिन्न दलों से लाकर नगर पंचायत, नगरपालिका अध्यक्ष से लेकर सभासद और पार्षदों की जीत के बाद अपनी पीठ थपथपाने वाली डबल इंजन सरकार को विपक्ष की जीत बिल्कुल भी हजम नहीं हो पा रही है। तीन सप्ताह पहले चमोली जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव जीतने वाली कांग्रेस की रमवती देवी को आज की तारीख तक अध्यक्ष पद की शपथ नहीं दिलाई गई है। विधायक मुन्नी देवी के अध्यक्ष जिला पंचायत पद से बाहर होने के बाद हुए चुनाव में भाजपा को हराकर अध्यक्ष बनी रमवती देवी सरकार के लिए किसी दु:स्वप्न से कम नहीं है। चमोली जनपद की तीनों विधानसभाओं में भाजपा का कब्जा है। सरकार द्वारा पूरी ताकत लगाने के बावजूद दीपावली से एक दिन पहले हुए चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को मुंह की खानी पड़ी।
यह पहला अवसर है जब चुनाव जीतने के तीन सप्ताह बाद भी किसी जिला पंचायत अध्यक्ष को अध्यक्ष पद की शपथ नहीं दिलाई गई है। राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा रमवती देवी के चुनाव जीतने की सूचना शासन को भेज दी गई थी, किंतु सचिवालय में बैठे सरकार के अधिकारी रमवती देवी की जीत को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं या कहें कि वे सरकार के कहने पर जानबूझकर मामले को ठंडे बस्ते में डाले हुए हैं।
लोकतांत्रिक तरीके से जीतकर आई चमोली की जिला पंचायत अध्यक्ष रमवती देवी का कहना है कि वह एक दलित महिला है और इस सरकार की मानसिकता दलितों के प्रति अच्छी नहीं है। इसलिए चुनाव जीतने के बावजूद उन्हें कुर्सी से दूर रखने के भरसक प्रयास हो रहे हैं।
देखना है कि डबल इंजन सरकार का यह प्रयास कब तक यथास्थिति में रहता है या फिर सरकार को इस मसले पर भी न्यायालय से फटकार का इंतजार है।