जगदंबा कोठारी। रुद्रप्रयाग
अगस्तमुनी में अराजक तत्वों द्वारा आगजनी की घटनाएं फिलहाल प्रशासन ने कंट्रोल कर ली हैं। एहतियात के तौर पर बाजार बंद करा दिया गया है। और अल्पसंख्यक समुदाय को सुरक्षा दी जा रही है।
गौरतलब है कि एक युगल के आपसी संबंधों में दूसरे युवकों के खलल को गैर संप्रदाय का बताकर कर कुछ अराजक तत्वों ने रुद्रप्रयाग जनपद के अगस्तमुनि कस्बे में एक समुदाय की दुकानों में आगजनी कर दी थी।
बात दरअसल यह थी कि 4 अप्रैल को एक कॉलेज परिसर की बिल्डिंग में देर शाम एक युगल के द्वारा संबंध स्थापित करते हुए कुछ मजदूरों द्वारा देख लिए जाने के बाद उन्होंने भी युगल के साथ छेड़खानी शुरू कर दी। खबर है कि मजदूरों ने इस युगल की फोटो भी मोबाइल से खींच ली थी। सोशल मीडिया में इस तरह की फोटो आने के बाद बवाल शुरू हो गया।
छेड़खानी का विरोध करने पर युवक भड़क गए। इस पर युवती और युवक ने अपने कॉलेज के अन्य छात्र छात्राओं को इस छेड़खानी की बात बता दी। इससे अन्य छात्र-छात्राएं भी उग्र हो गए और उन्होंने छेड़खानी करने वाले युवकों की जमकर पिटाई कर दी।
आज सुबह इस मामले को राजनीतिक रंग देने के लिए कुछ अज्ञात युवकों ने इस छेड़खानी को दूसरे समुदाय द्वारा बताकर अगस्तमुनि में जमकर तोड़फोड़ कर दी। इस मामले में हिंदू संगठन के भी कुछ लोगों के कूद जाने के के बाद यह मामला सांप्रदायिक हिंसा का रूप ले बैठा और अगस्तमुनी में कई दुकानें आग के हवाले कर दी गई ।
सोशल मीडिया में आपसी सहमति से बने इन संबंधों को सांप्रदायिक घटना का रूप देने के लिए युवती की उम्र घटाकर बताई जा रही है। जबकि इस मामले में अभी तक पुलिस में भी कोई fir तक दर्ज नहीं हुई है। पर्वतजन की जानकारी के अनुसार इन युवकों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।
सोशल मीडिया में युवती को 10 साल की नाबालिक बच्ची बता कर सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है।
गौरतलब है कि इससे पहले उत्तराखंड में कोटद्वार, पौड़ी श्रीनगर, सतपुली आदि स्थानों पर भी दूसरे समुदाय के युवकों द्वारा दुष्कर्म की घटना के बाद इस तरह के मामले उग्र राजनीतिक रंग ले सकते हैं।
देखिए जिला अधिकारी का एक वीडियो
रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल तथा डीआईजी पुष्पक ज्योति ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
रुद्रप्रयाग के SP का कहना है कि इस मामले में अभी तक कोई मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है और इसमें काफी हद तक अफवाह भी फैलाई जा रही हैं।