संदेहों के घेरे में आयोजित होने वाली एसिस्टेंट प्रोफेसर पद की लिखित परीक्षा आज उत्तरखण्ड आयुर्वेद विश्विद्यालय द्वारा एसिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर भर्ती के लिए आयोजित हो रही है लिखित परीक्षा।
गौर करने की बात है कि एसिस्टेंट प्रोफेसर बायोटेक्नॉलजी, फ़ायटो केमिस्ट्री एवं मॉलीक्यूलर बायोलॉजी के लिए विज्ञापित एसिस्टेंट प्रोफेसर के पदों के लिए विश्विद्यालय ने अभी तक लिखित परीक्षा की तिथि घोषित नही की है।विश्विद्यालय अपनी लिखित परीक्षा संबंधी निर्णयों में मनमाफिक बदलाव के कारण विवादों में रहा है।
पूर्व में एसोसिएट प्रोफेसर की भर्ती में भी बिना लिखित परीक्षा कराये सीधे साक्षात्कार कराने पर उत्पन्न हुआ विवाद,चिकित्साधिकारी के पदों के लिए हुई लिखित परीक्षा में एक ही गाइड से हूबहू प्रश्न आने तथा सील खुले प्रश्न पत्र तथा प्रश्न पत्रों के सेट में कुल प्रश्नों की संख्या 80 तथा अंदर 100 प्रश्नों के होने पर हो चुका है विवाद।आवेदकों ने इशारों में चहेतों को गाइड का नाम और पेज नंबर बता बडी ही चतुराई से सबूत छोड़े बगैर पेपर लीक करने का लगाया है आरोप।इसी सिलसिले में कुलसचिव की हो चुकी है छुट्टी।
नए कुलसचिव जी बी ओली सोमवार को कार्यभार ग्रहण कर रहे हैं।
विवादों से चोली दामन का नाता रखने वाले आयुर्वेद विश्विद्यालय में होने वाली एसिस्टेंट प्रोफेसर के लिये लिखित परीक्षा भी संदेहों के घेरे में है।विश्विद्यालय द्ववारा आयोजित होने वाली सेशनल परीक्षाओं के पेपर भी पुर्व में लीक हो चुके है।इस बार भी विश्विद्यालय के अंदर के प्रशासन द्वारा ही आयोजित कराई जा रही है लिखित परीक्षा ।
पर्वत जन ने सबसे पहले चिकित्साधिकारी चयन परीक्षा पेपर लीक का किया था खुलासा।
अब बड़ा सवाल यह है कि पूर्व में भी विश्वविद्यालय की आयोजित होंने वाली परीक्षाओं के पेपर लीक होते रहे हैं तो क्या आज होने वाली लिखित परीक्षा की सुरक्षा की क्या गारंटी?
उत्तराखंड आयुर्वेद विश्विद्यालय पेपर लीक प्रकरण में आवेदकों के नये आरोप
उत्तराखंण्ड आयुर्वेद विश्विद्यालय चिकित्सधिकारी पेपर लीक प्रकरण में आवेदकों ने नए आरोप लगाए हैं।आवेदकों का आरोप है कि नियमतः परीक्षा से सम्बंधित गोपनीय कमेटी में कोई ऐसा व्यक्ति शामिल नही हो सकता जिसके पुत्र, पुत्री नाते रिश्तेदार इस भर्ती प्रक्रिया में आवेदक हों,लेकिन इस प्रक्रिया में दो ऐसे लोग शामिल हुए जिनके रिश्तेदार इस भर्ती में आवेदक थे।आवेदकों का कहना है जो उपकुलसचिव पूर्व में प्रक्रिया में शामिल न हो पाने के कारण आवेदकों के कागजातों से छेड़छाड़ का आरोप स्क्रूटनी कमेटी पर लगा रहे थे,उनके प्रक्रिया में शामिल होते ही सारे आरोप वापिस हो गए,आवेदकों का आरोप है कि उपकुलसचिव एवं गुरुकुल परिसर में कार्यरत संस्कृत के एक प्रोफेसर दोनों के ही रिश्तेदार इस भर्ती प्रक्रिया में शामिल हैं जो सरासर गलत था,और इन्ही के कारण इशारों में गाइड के पन्ने से प्रश्न आने की बात चुनिंदा आवेदकों को लीक की गई है।