पर्वतजन
  • Home
  • उत्तराखंड
  • सरकारी नौकरी
  • सरकारी योजनाएं
  • इनश्योरेंस
  • निवेश
  • ऋृण
  • आधार कार्ड
  • हेल्थ
  • मौसम
No Result
View All Result
  • Home
  • उत्तराखंड
  • सरकारी नौकरी
  • सरकारी योजनाएं
  • इनश्योरेंस
  • निवेश
  • ऋृण
  • आधार कार्ड
  • हेल्थ
  • मौसम
No Result
View All Result
पर्वतजन
No Result
View All Result

Home पर्वतजन

इस सुबेदार ने पारंपरिक खेती व पशुपालन को बनाया रोजगार का हथियार

November 10, 2017
in पर्वतजन
ShareShareShare
Advertisement
ADVERTISEMENT

कृष्णा बिष्ट//

कीवी एक्टीनीडिया डेलिसियोसा चायनीज मूल की फल प्रजाति सहित आड़ू, खुबानी, पुलम, नाशपाति, बादाम, एवोकेडो, अखरोट व सेब दे रहा शानदार उत्पादन

विषम भौगोलिक हालात वाले पर्वतीय जिलों में दर्जनों चुनौतियों के बीच कुछ जीवट कर्मशील लोग न केवल अपने गांव को आबाद किए हैं, बल्कि अपनी मेहनत व हौसले के बल पर। मौसम परिवर्तन, ग्लोबल वार्मिंग, पर्यावरण परिवर्तन…, संसाधनों की कमी… आदि की वजह से ‘पहाड़ में कुछ नहीं हो सकताÓ के जुमले को झुठलाते हुए बागवानी विकास के जरिए आमदनी के साथ पलायन की सोच रखने वाले युवाओं को स्वरोजगार की प्रेरणा दे रहे हैं। गौरवमयी भारतीय सेना में 28 साल देश सेवा कर लौटे सूबेदार नारायण सिंह बिष्ट इसकी बानगी हैं।
फौज में रहते हुए देश की सुरक्षा के लिए छठे दशक में हुए तीन युद्धों में दुश्मनों से लोहा लेने के पश्चात आठवें दशक के आरंभ में सेना से सेवानिवृत्त होकर अपने गांव लौट आए। वे चाहते तो उस समय तराई में जाकर बस सकते थे और आराम से रिटायर्ड जीवन व्यतीत कर सकते थे, किंतु ऐसा न कर उन्होंने अपनी पुश्तैनी जमीन को चुना। यहीं रह कर अपनी पारंपरिक खेती व पशुपालन पर ध्यान देना शुरू किया। आरंभ के वर्षो में कृषि फसलों पर नए-नए प्रयोग किए और कई गुना अधिक उत्पादन प्राप्त किया। उसके बाद नवें दशक में पर्यावरण व मौसम परिवर्तन के चलते बागवानी पर ध्यान केन्द्रित करना शुरू किया। नई प्रजातियों व किस्मों के फल पौध चयन कर रोपण करना शुरु किया। साधन सीमित थे, नई किस्म के फल पौधों की जानकारी हासिल करना भी कठिन था, फिर भी समुद्रतल से एक हजार मीटर की ऊंचाई पर अपनी जीवटता से दिन-रात हाड़तोड़ मेहनत बंजर जमीन को सींच कर बागान तैयार करने में जुट गए। तमाम कठिनाइयों के बाद उसका परिणाम आज सामने है। समय के अनुसार उनके बगीचे में आज जहां विदेशी फलों की फसलें लहलहाती हैं, वही देशी व्यावसायिक फल किस्मों की रौनक भी देखने लायक होती है।
गरुड़ घाटी बागेश्वर स्थित मैगड़ी इस्टेट निवासी पूर्व सैनिक सुबेदार एनएस बिष्ट ने सन् 1998 में कीवी एक्टीनीडिया डेलिसियोसा चायनीज मूल की फल प्रजाति के दो पौध कर परीक्षण के तौर पर विदेशी फल फल प्रजाति लगाने की शुरुआत की थी। चौथे पांचवे वर्ष में परिपक्व होने पर अच्छा खासा पुष्पन व फलन हुआ। अगले वर्षों में जो बढ़ता गया। इससे उत्साहित होकर पौधों की सख्ंया बढ़ानी शुरू की, जो अब सौ तक पहुंच गई है। पांच किस्मों व अलग-अलग उम्र के इन पौधों से 500 किलो से अधिक फल उत्पादन मिल रहा है।
इसके अलावा उनके बगीचे में दो दर्जन के करीब देशी-विदेशी प्रजातियों के आड़ू, खुबानी, पुलम, नाशपाति, बादाम, एवोकेडो, अखरोट व सेब की व्यावसायिक किस्में लगी हैं, जो उत्पादन दे रही हैं। खासकर आड़ू की रैड नैक्टीन, 1633, मेफायर, बादाम की सुपरनोवा, फ्रेगनैस, टियूनो, सेब की रैड चीफ, गेल गाला, आर्गन स्पर आदि किस्में देखने योग्य हैं।
खास बात यह है कि बागवानी के बहाने 85 साल की उम्र में अस्थमा व उम्रजनित रोगों को मात देते हुए श्री बिष्ट दर्जन से अधिक युवाओं को हर सीजन में फल, पौध उत्पादन व विपणन के बहाने प्रत्यक्ष रोजगार भी दे रहे हैं। हालांकि इस कार्य में उनका पूरा परिवार हाथ बंटाता है। विदेशी व वाणिज्यिक किस्मों के चयन, परीक्षण, अनुकूलन के बाद नर्सरी प्रबंर्धन व उत्पादन मे उनके पर्यावरणविद् पुत्र डा. रमेश बिष्ट का विशेष सहयोग रहता है। उन्हीं के निर्देशन में तमाम सावधानियां बरतते हुए उच्च गुणवत्तापूर्ण व्यावसायिक किस्मों की फल पौध नर्सरी में तैयार की जा रही है, ताकि स्थानीय स्तर पर उच्चकोटि की फल पौध रोपण सामग्री बागवानी विकास के लिए उपलब्ध हो सके। गुणवत्तायुक्त विभिन्न फल प्रजातियों की पौध के लिए राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड ने उनकी पौधशाला को मान्यता भी दी है।
यह श्री बिष्ट का जज्बा है कि उनके बगीचे में सीजन में दूर-दूर से लोग विभिन्न किस्मों के फलों से लदे पेड़ों को देखने व फल, पौध खरीदने के लिए आते हैं।


Previous Post

तीन दिन बाद मिला शव, चट्टान के नींचे दबा था शव

Next Post

ओमप्रकाश के कतरे पर सीएम ने छीना स्वास्थ्य महकमा

Next Post

ओमप्रकाश के कतरे पर सीएम ने छीना स्वास्थ्य महकमा

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *






पर्वतजन पिछले २3 सालों से उत्तराखंड के हर एक बड़े मुद्दे को खबरों के माध्यम से आप तक पहुँचाता आ रहा हैं |  पर्वतजन हर रोज ब्रेकिंग खबरों को सबसे पहले आप तक पहुंचाता हैं | पर्वतजन वो दिखाता हैं जो दूसरे छुपाना चाहते हैं | अपना प्यार और साथ बनाये रखिए |
  • उत्तराखंड में पहली बार आयोजित हो रही वूमेन मल्टी डे चैलेंजर्स ट्रॉफी, चार टीमों की शानदार टक्कर शुरू
  • बड़ी खबर: उत्तराखंड में उपभोक्ता आयोग बेहाल। 4 अध्यक्ष संभाल रहे 13 जिलों का काम
  • दुखद: लापता नाबालिग का शव नैनीझील से बरामद..
  • बड़ी खबर: बदरीनाथ से लौट रही 42 तीर्थयात्रियों से भरी बस में लगी आग।  टला बड़ा हादसा..
  • बड़ी खबर: मसूरी मालरोड पर पीआरडी जवान ने युवक को जड़ा थप्पड़। भड़के स्थानीय लोग, हुआ हंगामा..
  • Highcourt
  • इनश्योरेंस
  • उत्तरप्रदेश
  • उत्तराखंड
  • ऋृण
  • निवेश
  • पर्वतजन
  • मौसम
  • वेल्थ
  • सरकारी नौकरी
  • हेल्थ
June 2025
M T W T F S S
 1
2345678
9101112131415
16171819202122
23242526272829
30  
« May    

© 2022 - all right reserved for Parvatjan designed by Ashwani Rajput.

No Result
View All Result
  • Home
  • उत्तराखंड
  • सरकारी नौकरी
  • सरकारी योजनाएं
  • इनश्योरेंस
  • निवेश
  • ऋृण
  • आधार कार्ड
  • हेल्थ
  • मौसम

© 2022 - all right reserved for Parvatjan designed by Ashwani Rajput.

error: Content is protected !!