अक्सर बच्चे खेल-खेल में कुछ ऐसा कर जाते हैं कि वो उनकी जिंदगी पर भारी पड़ जाता है और माता-पिता के लिए दुखदायी। ऐसा ही कुछ रामनगर के वनग्राम पटरानी में हुआ, जहां घर के बाहर खेल रहे तीन बच्चों ने रास्ते फेंकी हुई दवा खा ली। दवाई खाने से चार साल की मासूम की मौत हो गई, जबकि उसके भाई का काशीपुर के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है। वहीं तीसरे बच्चे की हालत में सुधार है।
यह घटना 21 फरवरी की है। गांव के एक परिवार में 25 फरवरी को विवाह समारोह है। शादी की खरीदारी के लिए सब बाजार गए थे। उनकी बेटी शगुन (4) और बेटा पीयूष (5) घर पर दादा के साथ थे, जो कि काम में व्यस्त थे। बच्चे पड़ोस के बच्चों के साथ बाहर खेल रहे थे। इसी दौरान वहां उन्हें दवाई का पत्ता पड़ा हुआ मिला तो उन्होंने उसकी गोलियां बांटकर खा ली। कुछ देर बाद दोनों बच्चों और पड़ोस के एक अन्य बच्चे की हालत बिगडऩे लगी। उन्हें उल्टी-दस्त और चक्कर आने लगे। पड़ोस की महिला ने अपने बेटे के मुंह में उंगली डालकर उसे उल्टी कराई, जिसके उसकी हालत में सुधार है। बच्चों को तुरंत काशीपुर के संयुक्त चिकित्सालय ले जाया गया, जहां बाल रोग विशेषज्ञ न होने पर बच्चों को वापस रामनगर संयुक्त चिकित्सालय लाया गया। जहां डॉक्टरों ने बच्चों को हायर सेंटर रेफर कर दिया। इसके बाद वह 22 फरवरी को दोनों बच्चों को काशीपुर के एक निजी अस्पताल में लेकर गए, जहां रविवार की सुबह बेटी शगुन की मौत हो गई। बेटा पीयूष काशीपुर के अस्पताल में उपचार चल रहा है।