प्रदेश के दो कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत व मदन कौशिक ने गद्दी संभालते ही अपने मंत्रालयों के कामों में जो तत्परता दिखाई है, उसमें उनके पिछले अनुभवों की झलक दिखती है
कुलदीप एस. राणा
कुछ लोग होते हैं जो अपने कद और दायित्वों की सीमाओं से भी आगे बढ़ कर कार्यों को अंजाम देने का माद्दा रखते हैं, विधानसभा चुनाव में मिले प्रचंड बहुमत के माहौल में नंदन-अभिनंदन से दूर ये दो मंत्री अपने मंत्रालयों में तेजी के साथ काम करते दिख रहे हैं।
प्रकाश पंत का नाम आते ही जेहन में एक ऐसे नेता की छवि उभरती है जो अपनी शालीनता और सूझ-बूझ के लिए जनता के बीच अपनी एक विशिष्ट पहचान रखता है। विगत दिनों पंत बड़ी शालीनता के साथ पिछले 17 वर्षों से उत्तर प्रदेश के साथ चले आ रहे परिसंपत्तियों के बंटवारे संबंधी विवाद को सुलझाने हेतु लखनऊ पहुंचे पंत ने यूपी के सीएम से चर्चा करने में जो तत्परता दिखाई, उससे न सिर्फ उत्तराखंड बीजेपी, बल्कि योगी आदित्यनाथ भी हतप्रभ रह गए।
राज्य की चौथी विधानसभा के पहले सत्र में कम संख्या बल होने के बावजूद विपक्ष सत्तापक्ष पर भारी पडऩे लगा तो ऐसे में सत्ता पक्ष की तरफ से मोर्चा संभलते हुए पंत ने बड़ी समझदारी और तर्कों से विपक्ष के तेवरों को ढीला कर दिया। पंत के तेवरों से हक्के-बक्के विपक्ष के विधायक सदन के बाहर चर्चा करते दिखे कि लगता नहीं है, जैसे प्रकश पंत पांच साल बाद सदन में लौटे हो।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश से उपजे शराब बंदी के आक्रोश के बीच नई शराब नीति को लाने के लिए पंत ने अभी से कमर कस ली है। पंत का कहना है कि वह पहाड़ से शराब सिंडिकेट को बाहर करके ही दम लेंगे, वहीं गर्मियों के सीजन में होने वाली पेयजल की समस्याओं को लेकर विभागीय अधिकारियों के पेंच कसने शुरू कर दिए हैं।
दूसरी तरफ हरिद्वार से चौथी बार चुनकर विधानसभा पहुंचे त्रिवेंद्र कैबिनेट में मंत्री मदन कौशिक ने अपने मंत्रालयों के कार्यों को लेकर जो दूरदर्शिता दिखाई हैं, उसने पूर्व सीएम हरीश रावत को भी इनका कायल बना दिया। मंत्री पद संभालने के कुछ दिनों बाद ही दिल्ली पहुंचे कौशिक ने केंदीय मंत्रियों के साथ 14वें वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुरूप उत्तराखंड को 90:10 के अनुपात में अनुदान दिए जाने संबंधी मुद्दा उठाने में जो साहसिक समझदारी दिखाई है, उसकी हरीश रावत भी तारीफ कर चुके हैं। सूबे की सरकार में शहरी विकास एवं आवास मंत्रालय का दायित्व संभाल रहे कौशिक केंद्र की विकास योजनाओं का लाभ राज्य को दिलाने के संदर्भ में जो गंभीरता दिखा रहे हंै, उससे राज्य में अवस्थापना विकास के कार्यों को लेकर एक आशा जगती दिखाई देने लगी है। निकायों को विस्तार देने से लेकर केंद्र की स्मार्ट सिटी और अमृत योजनाओं का लाभ उत्तराखंड को दिलाने के प्रतिबद्ध कौशिक इन दिनों जैसे डबल इंजन रेल की ड्राइविंग सीट पर सवार हो, प्रदेश में शहरों को मैट्रो परियोजना से जोडऩे की कवायद कौशिक के ड्रीम प्रोजेक्ट का हिस्सा बन चुकी हैं। इस दिशा में वे हर घड़ी प्रयासरत दिख रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रेरित दिख रहे ये दोनों मंत्री आने वाले समय में सूबे को किन ऊंचाइयों तक लेकर जाते हैं, यह फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा।