दर्जनों गांव कर रहे दस सालों से सिंचाई के लिए पानी का इंतजार
जगदम्बा कोठारी
रूद्रप्रयाग। जखोली विकासखंड के बांगर पट्टी के तीन गांवो मे सिंचाई विभाग की लापरवाही के चलते पिछले दस वर्षों से जंक खा रहे हैं तीन करोड़ की लागत के पाइप। विभाग द्वारा तब के तीन करोड़ की लागत से खरीदे गये कृषि सिंचाई पाइप पिछले दस वर्षों से सैंकडों की संख्या मे सीमान्त गांव बधाणी, गैंठाणा व कोट गांव मे सड़क किनारे जंग खा रहे हैं और वहीं जखोली के दर्जनों गांव दस सालों से सिंचाई के लिए पानी का इंतजार कर रहे हैं।
बांगर पट्टी के सिरवाडी,पूलन तल्ला, पूलन मल्ला, कुरछोला व सिलगढ पट्टी के कुरछोला, तैला, वाड, बडमा समेत डेढ़ दर्जन गाँवों में सूखे की मार को देखते हुए व भारी जनदबाव मे तत्कालीन सिंचाई मंत्री व क्षेत्रीय विधायक मातबर सिंह कण्डारी ने वित्तीय वर्ष 2008-09 मे 11 करोड़ की लागत से लश्तर नदी से 30 किलोमीटर लंबी सिंचाई नहर स्वीकृत करी थी।
“लस्तर बांया” नाम से शुरू होने वाली इस योजना का उद्देश्य सूखाग्रस्त गाँवों में सिंचाई व पेयजल उपलब्ध कराना था।
लश्तर नदी बांगर से शुरू होते हुए नहर तीस किलोमीटर दूर बणमा गांव तक स्वीकृत थी। लस्तर नदी के श्रोत की खड़ी चढ़ाई को देखते हुए सिंचाई विभाग ने नहर को दो चरणों में बनने का प्रस्ताव शासन को भेजा। जिसमे की पहले चरण में 6 किलोमीटर पाइप लाइन व दूसरे चरण में 24 किलोमीटर तक चिनाई होनी थी।
वर्ष 2008 मे शासन ने नहर निर्माण के लिए 9 करोड़ रुपये स्वीकृत किये।
उसी वर्ष सिंचाई विभाग ने प्रथम चरण में तबके तीन करोड़ की लागत से लगभग हजार पाइप खरीदे।
प्रथम चरण में नदी के मुख्य श्रोत मे पाइप लाइन बिछाने के लिए एक किलोमीटर खुदाई भी की गयी लेकिन उसके बाद अचानक निर्माण कार्य बन्द हो गया। तब से लेकर अब दस वर्षों तक वह तीन करोड़ की लागत से खरीदे गए पाइप सड़क किनारे जंक खा रहे हैं। जनआन्दोलन के बाद वर्ष 2013-14 सिंचाई विभाग ने पुनः 30 करोड़ का रिवाइज स्टीमेट बनाकर शासन को भेजा। जो कि अभी तक स्वीकृति की राह देख रहा है। शासन द्वारा स्वीकृति नही मिलने कारण अब विभाग इन पाइपों को उठाकर गोदाम में ले जाने की तैयारी में है और ग्रामीण इसका पुरजोर विरोध कर रहे हैं।
लस्तर बांया प्रोजेक्ट को शुरू करवाने केे लिए जखोली के सूखेग्रस्त गांव के ग्रामीण लम्बे समय से आंदोलन कर रहे हैं लेकिन सिंचाई विभाग सुध नही ले रहा है।
जिला पंचायत सदस्य महावीर सिंह पँवार का कहना है योजना शुरू करवाने केे लिए कई बार बीडीसी बैठक में भी प्रस्ताव दिया गया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। तब भी राज्य मे भाजपा सरकार थी और अब भी भाजपा सरकार है।
क्षेत्र पंचायत सदस्य गैंठाणा बिजेन्द्र मेंगवाल ने आरोप लगाया है कि राजनीतिक दबाव में विभाग इस योजना को अन्यत्र ले जाना चाहता है जिसका ग्रामीण विरोध करेंगे और यदि जल्द योजना पर कार्य शुरू नहीं किया जाता है तो सिंचाई विभाग के खिलाफ आंदोलन किया जायेगा।
वहीं सिंचाई विभाग के सी०सी० प्रेम सिंह पँवार ने बताया कि यह लम्बित मामला उनके कार्यकाल का नहीं है। विभागीय स्तर से मामले की जांच की जायेगी और जल्द पाइपों को गोदाम में डाल दिया जाएगा।