पार्टी के अंदर अंतरकलह ले डूबी बीजेपी की नय्या
संदीप भट्टकोटी,रुद्रप्रयाग
रुद्रप्रयाग नगर पालिका सीट यानी भाजपा का गढ़ और पार्टी विधायक का गृह क्षेत्र, बावजूद इसके भी इस सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी की धमाकेदार जीत ने भाजपा की साख पर बट्टा लगा दिया। लगभग छः सौ वोटों से कांग्रेस प्रत्याशी गीता झिंकवान ने बीजेपी प्रत्याशी सरस्वती त्रिवेदी को मात दी, इससे तो साफ हो गया कि न तो बीजेपी की चली और न विधायक वोट जोड़ने में सफल रहे।
बता देें कि पूरे जिले में मात्र ऊखीमठ सीट बीजेपी ने जीती। अन्य तीन सीटों पर दो निर्दलीय और एक सबसे महत्वपूर्ण नगर पालिका रुद्रप्रयाग सीट पर कांग्रेस ने बड़े अंतर से जीत दर्ज की। ऐसा नही कि नगर पालिका रुद्रप्रयाग सीट पर प्रचार में बीजेपी ने कोई कसर छोड़ी हो, दिन रात विधायक के साथ ही, जिलाध्यक्ष, महामंत्री और पूरी टीम घर-घर वोट मांगने के लिए गई, परन्तु मतदाताओं को न तो बीजेपी रास आयी और ना उसके एजेंडे। वही सूत्रों की माने तो बीजेपी की हार के पीछे पार्टी संगठन के भीतर अंतरकलह भी बड़ी वजह मानी जा रही है। पार्टी के ही कई दिग्गज प्रत्याशी के साथ प्रचार में तो थे, लेकिन जीत किसी और की पक्की कर रहे थे। तभी तो भाजपा के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष ने भी साफ कहा कि अन्य सीटों पर भाजपा की हार अब जांच का बड़ा विषय है।
वहीं कांग्रेस की धमाकेदार जीत ने कहीं न कहीं कांग्रेस की मौजूदा जिला पंचायत अध्यक्ष सुश्री लक्ष्मी राणा के कद को और बढा दिया है, क्योंकि इस महत्वपूर्ण सीट पर उन्होंने ही गीता झिंक्वान को मैदान में उतारा था, और अब जबरदस्त जीत का पूरा श्रेय भी लक्ष्मी राणा को जाना स्वाभाविक है।
साफ तौर से कहा जा सकता है जिले में निकाय चुनावो में नगर पालिका और पंचायत में सभासद तो बीजेपी को मिले हैं लेकिन अध्यक्ष पदों को हासिल करने में बीजेपी नाकाम रही। और सबसे महत्वपूर्ण सीट नगर पालिका रुद्रप्रयाग में करारी हार ने पार्टी को चारों खाने चित्त किया है।