देहरादून के डालनवाला स्थित एक जाने-माने स्कूल में पांचवी कक्षा के छात्र को कुख्यात ऑनलाइन ब्लू हेल गेम का शिकार होने से बचा लिया गया लेकिन छात्र अत्यंत डिप्रेशन में है और स्कूल प्रबंधन ने छात्र को छुट्टी पर भेज दिया है।
गौरतलब है कि बुधवार को स्कूल की प्रिंसिपल ने बच्चे को डिप्रेशन में देखकर तथा उसके व्यवहार में अप्रत्याशित परिवर्तन देखकर इसकी वजह पूछी तो पता चला कि बालक अपने सहपाठियों से ब्लू व्हेल गेम के बारे में पूछताछ कर रहा था।
जब बच्चे से ब्लू व्हेल गेम के बारे में पूछा गया तो उसने सब कुछ बता दिया। हालांकि स्कूल प्रबंधन की सजगता से बच्चे की जान जाने से बच गई लेकिन यह बात पता चली कि वह उसी दिशा में आगे बढ़ रहा था।
क्या है ब्लू व्हेल गेम!
ब्लू व्हेल गेम एक ऑनलाइन वीडियो गेम है। यह गेम एक ऐसा गेम है जिसे जीतने के लिए खेलने वाले को आखिर में अपनी जान देनी होती है।
यदि वह बीच में यह गेम रोकने की कोशिश करता है तो उसे कई तरह की मनोवैज्ञानिक ऑनलाइन धमकियां दी जाती हैं अथवा उसके फोन के मोबाइल डाटा आदि चुरा लिए जाते हैं। या फिर उसका फोन हैक कर दिया जाता है।
इस फोन में इतना आकर्षण है कि खेलने वाला चाहकर भी इस क्रीम को अधूरा नहीं छोड़ पाता। अब तक विभिन्न देशों में इस खेल के कारण 250 से अधिक मौतें हो चुकी हैं। भारत में लगभग 6 बच्चे इस गेम से अपनी जान गवां बैठे हैं । इससे बचने के लिए बच्चों पर नजर रखना बेहद जरुरी हो गया है। बच्चों को स्मार्टफोन से दूर रखकर तथा बराबर उन पर नजर रखकर इस तरह की घटनाओं को कुछ हद तक रोका जा सकता है। इसके लिए दिल्ली हाईकोर्ट में भी एक जनहित याचिका दायर की गई है। जिसमें इंटरनेट कंपनियों को अपने सर्च इंजन से ब्लू व्हेल गेम के लिंक हटाने को कहा गया है ।केंद्र सरकार ने भी Facebook WhatsApp और Google आधी कंपनियों को अपने यहां से गेम के लिंक हटाने के लिए निर्देश दे दिए हैं तथा न हटाए जाने पर कार्यवाही करने की चेतावनी जारी की है।