कृष्णा बिष्ट/नैनीताल
उत्तराखंड उच्च न्यायालय द्वारा डीएम व एसपी को नैनीताल में अव्यवस्थित ट्रैफिक को ले कर नोटिस जारी करने के बाद, जिला प्रशासन सख्त हो गया है। आज से जिला प्रशासन द्वारा नैनीताल में प्रवेश करने वाले सभी वाहनों को नैनीताल से लगभग 10 किलोमीटर नीचे रोक दिया गया है, ताकि नैनीताल में जाम की स्थिति से बचा जा सके। अगर अब किसी को नैनीताल आना हो तो उसे अपना निजी वाहन 10 किलोमीटर नीचे छोड़कर शटल सेवा द्वारा ही नैनीताल में प्रवेश मिलेगा। वह अपने निजी वाहन द्वारा नैनीताल प्रवेश नहीं कर पाएंगे। नैनीताल में केवल उन्हीं वाहनों को प्रवेश मिलेगा, जो यहां के लोकल रहने वाले हैं। उनको भी id प्रूफ दिखाकर यह सिद्ध करना पड़ेगा कि वह नैनीताल के ही बाशिंदे हैं।
इसके अतिरिक्त किसी भी वाहन की एंट्री को नैनीताल में प्रवेश से रोक दिया गया है। प्रशासन की इसी सख्ती के विरोध में आज नैनीताल के तल्लीताल चौराहे पर होटल एसोसिएशन व टैक्सी एसोसिएशन द्वारा विरोध दर्ज किया गया। प्रशासन के विरोध में नारेबाजी की गई। एसोसिएशन का मानना है कि प्रशासन द्वारा उत्पीड़न किया जा रहा है।
अचानक हुई इस नाकेबंदी से नैनीताल आने वाले पर्यटक परेशान हैं। कई पर्यटक नैनीताल से महज 10 किलोमीटर दूर घंटों से जिला प्रशासन के रहमोकरम का इंतजार कर रहे हैं कि किसी तरह उन्हें नैनीताल में प्रवेश मिल पाए।
इस प्रकार की घटना से निश्चिततौर पर प्रदेश के पर्यटन व्यवसाय पर प्रतिकूल असर पड़ेेगा और लोग नैनीताल कीसैैर करने के बारे में कई बार सोचेंगे।
पर्यटकों की जानकारी के लिए बता दें कि वाया भवाली, वाया हल्द्वानी एवं वाया कालाढुंगी की तरफ से नैनीताल आने के कुल तीन रास्ते हैं। १० से १५ किलोमीटर का भारी जाम लगने के कारण यह तीनों रास्ते ब्लॉक हो गए हैं। जो पर्यटक बीच रास्ते में फंसे हैं, उनकी ऐसी स्थिति में हैं कि वे अब न तो आगे जा सकते हैं और न ही पीछे मुड़कर नैनीताल का मोह ही छोड़ सकते हैं। ऐसे में दूर-दूर से नैनीताल की सैर करने आए पर्यटकों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
स्थानीय व्यवसायी मनीष सिसोदिया बताते हैं कि अभी तक नैनीताल के निवासी दबी जुबान में ही हाईकोर्ट का विरोध करते थे, लेकिन मौजूदा स्थिति को देखकर अब लोग खुलेआम नैनीताल में हाईकोर्ट होने का विरोध कर रहे हैं।
फिलहाल पुलिस के लिए इस समस्या को जल्द से जल्द दुरुस्त करने की भारी चुनौती है।
वहीं हाईकोर्ट ने नैनीताल से जुडी जनहित याचिका को सुनते हुए जिलाधिकारी, एस.एस.पी., ए.डी.एम.और ई.ओ.नगर पालिका को कारण बताओ नोटिस जारी किये हैं। नैनीताल नगर में ट्रैफिक जाम को लेकर जरुरी कार्यवाही नहीं की जाने से नाराज न्यामूर्ति सुधांशू धूलिया और न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की खण्डपीठ ने नाराजगी जताई। न्यायालय ने सम्बंधित अधिकारीयों से पूछा है की क्यों ना तुम्हारे खिलाफ अवमानना की कार्यवाही चलाई जाए। न्यायालय ने कहा की नैनीताल में पार्किंग फुल होने की स्थिति में काठगोदाम और कालाढूंगी में सभी वाहनों को रोक दिया जाए। प्रशासन और पुलिस 13 जून को ट्रैफिक सम्बन्धी कोई ठोस नीति बनाकर लाए, नहीं तो 19 जून को वो कोई कठोर निर्णय पास करेंगे।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि पुलिस कितनी जल्द जाम के इस झाम का निस्तारण कर पर्यटकों की समस्या का समाधान कर पाती है और स्थानीय निवासियों को भी राहत मिल पाती है।