जगदम्बा कोठारी
रुद्रप्रयाग। जनपद में जन समस्याओं के त्वरित निस्तारण के लिए उत्तराखंड शासन ने 8 फरवरी को रूद्रप्रयाग gजनपद मे इसी वर्ष फरवरी से दिसम्बर तक प्रत्येक माह के दूसरे बुधवार को जिले के तीनों विकासखंड मे “ब्लाक दिवस” आयोजित करने का शासनादेश जारी किया, लेकिन आलम यह है कि ब्लाक दिवस के नाम पर जनपद के तीनों विकासखंडों मे अधिकारियों के द्वारा महज खानापूर्ती की जा रही है।
शासन ने जनपद मे प्रत्येक माह के दूसरे बुधवार को ब्लाक दिवस का शासनादेस तो जारी कर दिया लेकिन जिला प्रशासन व ब्लाक प्रशासन ने इसे जनता तक पहुँचाना जरूरी नहीं समझा और ब्लाक दिवस की सूचना नहीं होने पर फरियादी ब्लाक मे नहीं पहुंच सके।
जिस कारण जखोली, अगस्तमुनी और उखीमठ ब्लाक मे कुल तीन फरियादी ही पहुंच सके। जखोली मे उप जिला अधिकारी की अध्यक्षता मे ब्लाक दिवस आयोजित किया गया और एक ही शिकायत पहुंची, अगस्तमुनी ब्लाक दिवस भी उप जिला अधिकारी की अध्यक्षता मे हुआ और शिकायत भी एक ही पहुंची वहीं उखीमठ ब्लाक दिवस खंड विकास अधिकारी की अध्यक्षता मे आयोजित हुआ व वहां भी एक ही फरियादी पहुंचा।
हद तो तब हो गयी जब ब्लाक दिवस मे शिकायतकर्ताओं के न पहुंचने से अधिकारी गण दिन भर सभागार में वाट्स्ऐप- वाट्स्ऐप खेलते नजर आये। कहीं धार्मिक ज्ञान बांचा जा रहा था तो कहीं राजनीतिक चर्चा चल रही थी तो कुछ अधिकारी कुर्सी पर ही सोते नजर आये। वहीं महिला अधिकारी “चुगलियों” मे मस्त थी।
अब सवाल यह है कि अगर जनता तक ब्लाक दिवस की सूचना ही नहीं पहुँचानी थी तो इन कथित “दिवसों” के नाम पर लाखों रुपये की फिजूल खर्ची क्यों?
या तो अधिकारी जनता की समस्याओं के निराकरण व काम के बोझ से बचना चाहते हैं या फिर रूद्रप्रयाग जनपद मे “राम राज” की तर्ज पर खुशहाली है।