चार धाम यात्रा तैयारियों पर कितना हुआ अमल। लोक निर्माण एन एच खंड पर उठे सवाल। पिछले यात्रा काल में 32 दिन बाधित रहा था यमनोत्री राजमार्ग।
गिरीश गैरोला
चार धाम यात्रा की तैयारियों के बीच बारिश की हलकी फुहारों ने लोक निर्माण विभाग के एन एच खंड की पोल खोल कर रख दी है। यमनोत्री मार्ग पर ओजरी के पास हलकी वारिश से ही पहाड़ी से मलवा सड़क पर पसर गया किन्तु सूचना देने के घंटों बाद भी कोई विभागीय अधिकारी मौके पर नहीं पंहुचा।
गौरतलब है कि पिछले वर्ष भी इस स्थान पर मार्ग बाधित होने के बाद यात्रा बाधित हुई थी, तब से इस पहाड़ी पर स्थायी उपचार की मांग उठ रही है किंतु कुछ ठोस पहल नहीं हुई। अगर ऐसे ही हालात रहे तो चार धाम की इस वर्ष की यात्रा को भी पलीता लग सकता है। बरसात में पहाड़ी पर अटका मलवा सड़क को बाधित करने के साथ दलदली बना देता है और विभाग प्रस्ताव भेजने तक ही सीमित रह गया है।
बंद कमरों में चार धाम यात्रा की तैयारियों को लोक निर्माण विभाग NH खंड कैसे अंजाम देता है! इसका हलका आगाज मार्च की हल्की बारिश ने कर ही दिया है, जब पहाड़ी पर अटका मलवा सड़क पर ऐसे पसरा कि पूरा यातायात ही बाधित हो गया।
मौके पर विशेष रूप से तैनात की गयी पुलिस चौकी स्याना चट्टी के जवानों ने NH के अधिकारियों को सूचित किया। फिलहाल मौके पर विभाग के कर्मचारी मशीनों को लेकर पहुंच गए हैं, लेकिन यमुनोत्री धाम की यात्रा को लेकर एक सवाल फिर से खड़ा हो गया है ।
बताते चलें चार धाम यात्रा की राह में डाबरकोट , सिलाई बैंड और ओजरी के पास पूर्व की भांति इस वर्ष की चारधाम यात्रा को भी ब्रेक लगा सकते हैं । पिछले वर्ष की यात्रा के दौरान ओजरी के पास 32 दिन तक यातायात बाधित रहा था और ट्रांसमिट के जरिए यात्रियों को इधर से उधर पंहुचाया गया ।स्थानीय लोगों और यात्रियों की मांग के बाद लंबी कवायद शुरू हुई और त्रिखली स्याना चट्टी होते हुए वैकल्पिक मार्ग निर्माण कराया गया था। किंतु पहाड़ी पर अटके मलबे को उस वक्त भी नहीं हटाया गया। यही वजह है जरा सी बारिश से पहाड़ी पर अटका यह मलबा सड़क पर पसर जाता है ।चारधाम यात्रा शुरू होने से पहले पुलिस , राजस्व और लोक निर्माण विभाग की टीम ने मौके पर कई दौर का सर्वे कर अपनी रिपोर्ट सरकार को प्रेषित की थी, लेकिन हुआ कुछ नहीं । अगर यही हालात रहे तो आने वाले चार धाम यात्रा में भी यात्रियों को परेशानियों से दो-चार होना पड़ सकता है और आपदा के बाद चार धाम यात्रा से उम्मीद लगाए बैठे स्थानीय लोग और व्यापारियों को मायूसी हाथ लग सकती है।