बारह वर्षों से अधर में मोटरपुल

चारधाम यात्रा के दौरान रुद्रप्रयाग शहर में हर बार जाम की समस्या बनी रहती है। इससे निजात दिलाने को एक बाईपास योजना के लिए वर्ष 2004-05 में तत्कालीन केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री मेजर जनरल (सेनि) भुवन चंद्र खंडूड़ी ने रुद्रप्रयाग शहर के लिए बाईपास योजना को स्वीकृति दी थी। लेकिन इस बाईपास योजना के प्रथम फेस का निर्माण कार्य आज तक पूरा नहीं हो सका। जिसके चलते शहर में वनवे टैफिक होने होने से बाईपास पर बने अस्थायी पुल के कारण भारी वाहनों को काफी मशक्कत करनी पड़ती है।
इस योजना के लिए सीमा सड़क संगठन ने लगभग 52 करोड़ की लागत का प्रस्ताव शासन को भेजा था। इसके बाद बीआरओ ने योजना को स्वीकृति मिलने के बाद प्रथम फेस में अस्थायी पुलों के माध्यम से लगभग चार किलोमीटर मोटर मार्ग का निर्माण कर प्रारम्भ किया। मोटर मार्ग के साथ ही एक अस्थायी पुल का निर्माण कार्य भी पूर्ण हुए लम्बा समय बीत चुका है, लेकिन आज तक इस योजना के एक स्थायी पुल का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं होने से यात्रियों को आवागमन में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। हैरानी की बात तो यह है कि पिछले 12 वर्षों से अधर में लटके इस पुल के निर्माण की जिम्मेदारी जिस कंपनी को दी गई थी वह आज भी इस पुल निर्माण के निर्माण को लेकर कहीं भी सजग नहीं दिख रही है। सूत्रों का मानना है कि पुल निर्माण कार्यों में लापरवाही और भारी अनियमितता के चलते निर्माण कार्य के दौरान पुल पर लगाए गए सपोर्ट दैवीय आपदा से पहले ही ढह चुके थे, लेकिन कैलाश बिल्डर प्राईवेट कंपनी का कहना है कि वर्ष 2013 जून माह में आई दैवीय आपदा के समय पुल पर लगाए गए सपोर्ट अलकनंदा नदी का जस्तर बढ़ने से बहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस कंपनी द्वारा कराये जा रहे निर्माण कार्यों में बरती गई लापरवाही से आम जनता को परेशानी का साकना करना पड़ रहा है। बढते़ ट्रैफिक के दबाव को देखते हुए स्थानीय लोग भी निर्माण कार्य पूरा न होने से नाखुश हैं।
आगामी कुछ दिनों बाद चारधाम यात्रा शुरू होने वाली है ऐसे में कंपनी द्वारा जो अस्थायी पुल बनाया गया है वह बढ़ते ट्रैफिक के लिए काफी खतरनाक भी साबित हो सकता है। यात्रा के दौरान शहर में वाहनों के भारी दबाव से बाजार में जाम की समस्या बनी रहती है। उधर, रुद्रप्रयाग के एसडीएम तीर्थपाल सिंह का कहना है कि चारधाम यात्रा को देखते हुए कार्यदायी संस्था को पुल निर्माण कार्य शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए जा चकें हैं। जिससे यातायात सुचारू रूप से चल सके।

- Advertisment -

Related Posts

error: Content is protected !!