भाजपा के पूर्व राज्यमंत्री को अपर मुख्य सचिव से जान का खतरा !!

प्रधानमंत्री और राष्ट्रीय अध्यक्ष को भेजी चिट्ठी भाजपा की पूर्व राज्य मंत्री और तराई बीज विकास निगम के पूर्व अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने उत्तराखंड के अपर मुख्य सचिव से खुद को जान का खतरा बताया है ।

उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को पत्र लिखकर कहा है कि ओमप्रकाश उनकी हत्या करा सकते हैं।

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हेमंत द्विवेदी ने अपने पत्र में यह खुलासा किया है कि हाल ही में तराई बीज विकास निगम के जिन घोटालेबाज अधिकारियों को सस्पेंड करके उनके खिलाफ कार्यवाही की गई है उन मे से काफी को उन्होंने अपने कार्यकाल में ही निलंबित तथा बर्खास्त  कर दिया था लेकिन उनको अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश का पूरा संरक्षण था और उन्होंने  कुछ समय बाद सारे अफसरों को बहाल कर दिया था।

ओम प्रकाश के खिलाफ प्रधानमंत्री को भेजी अपनी चिट्ठी में हेमंत द्विवेदी ने कहा है कि ओमप्रकाश ने जानबूझकर उनको दी जा रही सुरक्षा भी हटवा दी है जिससे उनका जीवन खतरे में है।

हेमंत द्विवेदी ने बताया कि वह अक्सर प्रदेश के विभिन्न इलाकों में आते-जाते रहते हैं और उनका परिवार हल्द्वानी में अकेले रहता है इससे उनका परिवार भी खतरे में है।

हेमंत द्विवेदी ने अपने पत्र में प्रदेश में कृषि की दुर्दशा के लिए भी ओम प्रकाश को ही जिम्मेदार बताया है।

अपने पत्र में उन्होंने लिखा है कि ओम प्रकाश 12 13 वर्ष  सचिव कृषि और प्रमुख सचिव कृषि के पद पर लगभग लगातार बने रहे।

इस दौरान उन्होंने तराई बीज विकास निगम की जिम्मेदारी भी संभाली और बीज निगम को बर्बाद करने में लिप्त घोटालेबाज अफसरों को पूरा संरक्षण देते रहे ।

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हेमंत द्विवेदी ने मुख्यमंत्री के नेतृत्व में आस्था जताते हुए यह जरूर लिखा है कि उन्हीं नहीं लगता कि ओमप्रकाश के इन कृत्य की मुख्यमंत्री को जानकारी है।

त्रिवेंद्र रावत की सरकार में ओमप्रकाश को सबसे ताकतवर नौकरशाह माना जाता है। अपर मुख्य  सचिव मुख्यमंत्री के पद पर तैनात ओमप्रकाश के खिलाफ अन्य पार्टी कार्यकर्ताओं और मंत्रियों विधायकों का भी गुस्सा बढ़ रहा है।

पिछले दिनों द्वाराहाट के विधायक महेश नेगी की भी ओम प्रकाश से झड़प  चर्चा का विषय बनी थी। किंतु तब मामला किसी तरह संभल गया था। अब भाजपा के पूर्व राज्य मंत्री द्वारा ओमप्रकाश के खिलाफ पार्टी हाईकमान को चिट्ठी लिखे जाने से भाजपा के अन्य कार्यकर्ता और विधायक भी ओमप्रकाश के खिलाफ विरोध में लामबंद हो सकते हैं।

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हेमंत द्विवेदी वर्ष-2010- 11 में तराई बीज विकास निगम के अध्यक्ष रहे हैं । हेमंत द्विवेदी ने कहा है कि उन्होंने तो यह पत्र गोपनीय स्तर पर सिर्फ हाईकमान को भेजा था उन्हें नहीं पता यह पत्र पर्वतजन के पास कैसे पहुंचा!
हेमंत द्विवेदी ने ओम प्रकाश पर जितने भी आरोप लगाए हैं इनकी सत्यता तो अपने आप में जांच का विषय है लेकिन इस पत्र के बाद ओम प्रकाश की भी सियासी मुश्किलें बढ़ सकती है।

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