उत्तरकाशी की अस्सी गंगा घाटी को भारत की सबसे प्रथम ऊर्जा बचत घाटी का मिला दर्जा
प्रथम LED बल्ब सुसज्जित घाटी का मिला दर्जा
सोसाइटी ऑफ पोलूशन एंड एनवायरनमेंट कंजरवेशन साइंटिस्ट (स्पेक्स) ने दिया कार्य को अंजाम।
गिरीश गैरोला।
देशभर में ऊर्जा में किफायत सिखाने के कैंपेन को लेकर स्पेक्स और हीरो मोटर कॉरपोरेशन ने उत्तरकाशी की अस्सी गंगा घाटी के 8 गांवों को 14 जनवरी 2017 को शत प्रतिशत LED बल्ब से सुसज्जित कर ऊर्जा को बचाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। स्पेक्स के सचिव बृजमोहन शर्मा ने बताया कि आधुनिक LED तकनीक में 2 वाट के बल्ब को 7 वाट LED में परिवर्तित कर 93 वाट प्रति घंटा बिजली की बचत की जा सकेगी । उन्होंने बताया कि अस्सी गंगा घाटी के 1670 परिवारों को 6680 बल्ब दिए जा चुके हैं। इसके बाद प्रतिदिन इस इलाके में 3727 वाट बिजली की बचत हो सकेगी। उन्होंने कहा कि इन LED बल्ब की आयु 50हजार घंटे होती है और यह LED बल्ब पूरी तरह से पर्यावरण फ्रेंड ही हैं।
इसके अलावा इस बल्ब में 75 पैसे की लागत की एक चिप लगायी गयी है ताकि वोल्टेज में उतार चढ़ाव पर बल्ब को नुकसान न हो बल्कि चिप खराब होती है, जिसे बदलने की तकनीक ग्रामीणों को सिखा दी गई है।
ऊर्जा के क्षेत्र में इस महत्वपूर्ण उपलब्धि को लेकर 28 जनवरी 2018 को राज्यपाल इन्हें इनोवेटिव अवार्ड से सम्मानित कर चुके हैं।
इसके अलावा स्पेक्स 2007 से LED बल्ब ट्यूब लाइट और बांस के नाइट लैंप को बनाने का भारत के 24 राज्यों को प्रशिक्षण दे चुका है। इसके अलावा 10 ग्राम सभाओं को भी पूर्णता एलईडी बल्बों से सुसज्जित किया जा चुका है। इसके लिए उरेडा ने भी वर्ष 2006 व 2010 में लगातार ऊर्जा बचत अवार्ड से सम्मानित किया तथा वर्ष 2014 में विज्ञान के प्रचार प्रसार के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रौद्योगिकी विभाग भारत सरकार ने राष्ट्रीय पुरस्कार दिया है। यूकोस्ट ने भी वर्ष को वर्ष 2010 और 11में इनोवेट ऑफ द ईयर अवार्ड से सम्मतित किया है।
असीगंगा घाटी में शिक्षा के क्षेत्र में काम कर रहे डॉक्टर शंभू प्रसाद नौटियाल ने बताया कि घाटी के 16 लोगों को LED बल्ब रिपेयर का प्रशिक्षण दिया जा चुका है। जिसके बाद इलाके में न सिर्फ बिजली की बचत होगी, बल्कि देश में ऊर्जा की जरूरत भी पूरी होगी और नई आधुनिक तकनीक की भी लोगों को जानकारी हो सकेगी।
बताते चलें उत्तरकाशी के अस्सी गंगा घाटी के मिशन पूरा करने के बाद स्पेक्स को 27 मार्च 2018 से पहले हरिद्वार के 13 गांव, चकराता के 4 गांव, सहित देहरादून की एक मलिन बस्ती को भी LED से पूर्ण सुसज्जित करने का टारगेट दिया गया है।