उत्तराखंड में भले ही भ्रष्टाचार के मामले में जीरो टोलरेंस का नारा सरकार की ओर से दिया जा रहा हो, किंतु भारतीय जनता पार्टी के विधायक संजय गुप्ता ने भ्रष्टाचार का एक मामला खोलकर गेंद अब सरकार के पाले में डाल दी है।
संजय गुप्ता द्वारा अपनी विधानसभा में दूर के साले अकौढ़ा खुर्द गांव के दीपक गुप्ता द्वारा अधिकारियों के साथ मिलकर एक ऐसी सड़क स्वीकृत करवाई गई, जो भ्रष्टाचार का जीता जागता उदाहरण है।
कुछ समय पहले बनी इस सड़क के लिए दीपक गुप्ता द्वारा दैवीय आपदा मद से धनराशि स्वीकृत कराई गई। जब विधायक संजय गुप्ता को इस बात का पता चला कि जिस गांव में आज तक दूर-दूर तक आपदा नहीं आई और वहां सरकारी धन ठिकाने लगाने के लिए एक सड़क स्वीकृत की गई है तो उन्होंने तत्काल जिलाधिकारी हरिद्वार से मामले का संज्ञान लेने के लिए कहा। विधायक की शिकायत पर जिलाधिकारी हरिद्वार ने तत्काल उक्त सड़क का काम रुकवा दिया।
विधायक संजय गुप्ता द्वारा करवाई गई इस कार्यवाही के बाद दूर के साले दीपक गुप्ता ने अपनी पत्नी रश्मि गुप्ता के नाम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक शिकायती पत्र भेजा, जिसमें उन्होंने विधायक संजय गुप्ता पर परेशान करने के आरोप लगाए।
साले की पत्नी के इस पत्र के बाद संजय गुप्ता सामने आए और उन्होंने स्पष्ट किया कि दीपक गुप्ता उनके नाम का गलत इस्तेमाल करके अफसरों पर ठेके देने का दबाव बनाने का काम करता है। उन्होंने अफसरों से इस प्रकार के दबाव में काम न करने की बात कही है और जिस सड़क को लेकर विवाद हुआ है, उसकी जांच अब जिलाधिकारी करवा रहे हैं।
देखना है कि विधायक द्वारा उठाए गए इस भ्रष्टाचार के नए मामले पर अब सरकार क्या रुख अख्तियार करती है और भ्रष्टाचार पर जीरो टोलरेंस की नीति को कैसे अमलीजामा पहनाती है?