महेशचंद्र पंत
ऊधमसिंहनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के निर्देशों के बाद सितारगंज के तीन पत्रकारों पर मुकदमा कायम कर लिया गया है।
पीडि़ता मेनाज पत्नी आरिफ, निवासी वार्ड नंबर 4, इस्लाम नगर, सितारगंज ऊधमसिंह नगर की निवासी ने बताया कि एक लेबर सप्लायर ने कुछ पत्रकारों से मिलकर पहले उसके पति आरिफ को थाने में बिठा दिया। उसके बाद पत्रकार दैनिक भास्कर के आरिफ, न्यूज इंडिया के पत्रकार अनीश और एक अन्य पत्रकार उस्मान उसके घर आए, इन्होंने मुझसे कहा कि पुलिस में हमारी अच्छी पकड़ है और जो हम कहेंगे, वही पुलिस वाले करेंगे। इस काम में 20 हजार रुपए खर्चा आएगा और वह मुझसे 20 हजार ले गए।
उसके कुछ दिन बाद 11.6.19 को यह लोग फिर घर आए और बोले हमने तुम्हारी बात कर ली है। तुम्हारा पति निर्दोष है। हमें 3 लाख दो और हम तुम्हारे पति को छुड़ा देंगे।
मैं और मेरा पति मेहनत मजदूरी कर अपना परिवार पालते हैं। हम इतनी बड़ी रकम कहां से देते। मेरे पति को 3 दिन से थाने में बिठा कर रखा हुआ है। मैं जब थाने गई तो मुझे थाने से भगा दिया गया।
तब मेनाज ने एसएसपी ऊधमसिंह नगर को अपनी व्यथा सुनाई। जिस पर तीनों पत्रकारों के खिलाफ मुकदमा कायम कर लिया गया है।
पत्रकारों के इस प्रकरण की चर्चाएं जोरों पर है और इसकी कड़ी आलोचना हो रही है। अब देखना यह है कि आरिफ को पुलिस के चंगुल से कब छुड़ाया जाता है या फिर उसे और मानसिक प्रताडऩा का शिकार होना पड़ेगा। पत्रकारों से सांठ-गांठ करने वाली लेबर सप्लाई के खिलाफ कोई कार्रवाई होती है या नहीं? मेनाज को उसके 20 हजार और हर्जा-खर्चा सहित वापस होते हैं या नहीं? आरिफ को बिना कारण 3 दिनों तक थाने में बिठा कर रखने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कोई कार्रवाई होती है या नहीं? यह सब पुलिस के विवेक पर निर्भर करता है।
बहरहाल, पत्रकारों के नाम पर एक और बदनुमा दाग तो लग ही गया है।