उत्तराखंड का सूचना एवं लोक संपर्क विभाग उत्तराखंड सरकार की तमाम गतिविधियों को प्रसारित करने के उद्देश्य से गठित किया गया था, जिसका काम जिला स्तर से सूचनाएं एकत्र कर निदेशालय को भेजनी और वहां से सरकार के कार्यक्रमों को प्रसारित करना है, किंतु लंबे अरसे से देखा जा रहा है कि सूचना एवं लोक संपर्क विभाग अपने मूल उद्देश्य से भटक गया है।
यहां काम करने वाले कार्मिकों को इस बात का भी ध्यान नहीं कि वे सरकारी कर्मचारी हैं। सरकारी वेतन पा रहे हैं और उनका काम सरकार के कार्यक्रमों को जनता तक पहुंचाना है, न कि जिस दल की सरकार चल रही है, उसके कार्यक्रमों को कवरेज करना।
२४ जून २०१८ को भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह उत्तराखंड में भाजपा के विभिन्न प्रकोष्ठों, विधानसभा पूर्णकालिक विस्तारक बैठक व संपर्क फॉर समर्थन कार्यक्रम के समर्थन में लोगों से मिलने आए। शुरू से आखिरी तक भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का यह कार्यक्रम अपनी दलीय व्यवस्था पर केंद्रित रहा। अमित शाह हरिद्वार जाकर विभिन्न संत समाज के लोगोंं से मिले तो सूचना एवं लोक संपर्क विभाग ने अपने ऑफिसियल पेज उत्तराखंड डीआईपीआर पर अमित शाह के कार्यक्रम को कवरेज दी। उसके बाद अमित शाह बीजापुर गेस्ट हाउस में भाजपा के पूर्णकालिक विस्तारकों की बैठक लेने पहुंचे तो उक्त कार्यक्रम की भी कवरेज की गई।
सवाल यह है कि भारतीय जनता पार्टी विस्तारकों की बैठक लें या पार्टी पदाधिकारियों की, यह भारतीय जनता पार्टी का नितांत पार्टी स्तर का विषय है और सरकारी तंत्र को इसके प्रचार-प्रसार का न तो कोई अधिकार है और न ही नैतिकता यह कहती है कि सरकारी वेतन लेकर किसी दल के लिए काम किया जाए।